डोनाल्ड ट्रंप की ओपेक और सऊदी अरब से बड़ी अपील, तेल का रेट 1% लुढ़का, चीन और रूस को धमकाया
- डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने गुरुवार को वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम को सम्बोधित किया। उन्होंने अपने भाषण के जरिए सऊदी अरब और ओपेक से तेल की कीमतों को घटाने की अपील की। उनकी इस अपील का असर भी दिखा। कीमतों में 1 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली।
दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति पद का शपथ लेने के बाद डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने गुरुवार को वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम को सम्बोधित किया। उन्होंने अपने भाषण के जरिए सऊदी अरब और ओपेक से तेल की कीमतों को घटाने की अपील की। ट्रंप के इस भाषण के बाद तेल की कीमतों में 1 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली। अपने चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप ने कई सामानों पर अधिक टैक्स लगाने की बात कही थी। जिसको लेकर अभी तक अनिश्चितता बनी है। इसका भी असर तेल की कीमतों में पर पड़ा है।
गुरुवार को ब्रेंट क्रूड फ्यूचर 71 सेंट्स या फिर 0.9 प्रतिशत की गिरावट के बाद 78.29 डॉलर प्रति बैरल पर आकर बंद हुआ। वहीं, यूएस वेस्ट टेक्सस इंटरमीडिएट क्रूड 82 सेंट्स या फिर 1.09 प्रतिशत की गिरावट के बाद 74.62 पर बंद हुआ।
ट्रंप की रूस, चीन को धमकी
अपने भाषण में ट्रंप ने कहा है कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध समाप्त नहीं होता है तो वो नया टैरिफ जोड़ देंगे। इसके अलावा ट्रंप यूरोपियन यूनियन और कनाडा को लेकर भी काफी आक्रमक नजर आए। उन्होंने 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की बात कही है। चीन से ट्रंप नाराज दिखे। अपने भाषण में ट्रंप ने कहा कि वो चीन पर 10 प्रतिशत का दण्डात्मक शुल्क लगाने की बात कही।
“रूस के खिलाफ प्रतिबंधों का कोई बड़ा असर नहीं होगा”
पब्लिक सेक्टर की इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) के चेयरमैन अरविंदर सिंह साहनी ने बृहस्पतिवार को कहा कि रूस के खिलाफ किसी भी और प्रतिबंध का भारत की कच्चे तेल की जरूरतों पर कोई असर नहीं पड़ेगा और वैश्विक कीमतें 75-80 डॉलर प्रति बैरल के दायरे में स्थिर रहेंगी। उन्होंने कहा कि इसका कारण हमें पहले से ही प्रतिबंध की आशंका थी।
विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की वार्षिक बैठक के दौरान पीटीआई से बातचीत में उन्होंने कहा कि ऐसे कई एनर्जी सोर्स हैं जिनका उपयोग किसी भी आपात स्थिति में भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए किया जा सकता है।