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दिल के मरीजों के लिए महंगी दवा अब EMI पर, नोवार्टिस-पाइन लैब्स का ऑफर

दिल के मरीजों के लिए फार्मा कंपनी नोवार्टिस ने भारत में एक अनोखी पहल की है। कंपनी ने अपनी कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवा Sybrava (इंक्लिसिरन) को ज्यादा सस्ता बनाने के लिए EMI स्कीम शुरू की है।

Drigraj Madheshia लाइव हिन्दुस्तानTue, 27 May 2025 09:36 AM
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दिल के मरीजों के लिए महंगी दवा अब EMI पर, नोवार्टिस-पाइन लैब्स का ऑफर

स्विट्जरलैंड की दवा कंपनी नोवार्टिस ने भारत में एक अनोखी पहल की है। कंपनी ने अपनी कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवा Sybrava (इंक्लिसिरन) को ज्यादा सस्ता बनाने के लिए EMI स्कीम शुरू की है। यह दवा दिल के मरीजों के लिए बनी है, लेकिन इसकी ऊंची कीमत (1.2 लाख रुपये प्रति इंजेक्शन) के कारण अधिकतर मरीज इसे नहीं खरीद पाते थे। अब नोवार्टिस ने पाइन लैब्स के साथ मिलकर ब्याज-मुक्त किस्तों का विकल्प दिया है।

क्या है यह नई स्कीम?

इकनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक मरीज 15,000-16,000 रुपये की मासिक किस्त देकर इस दवा का इलाज करा सकेंगे। इलाज में साल में दो इंजेक्शन लगते हैं। पहला तुरंत, दूसरा 90 दिन बाद और फिर हर 6 महीने पर। कुछ कार्डियोलॉजिस्ट्स के मुताबिक, नोवार्टिस की एक और स्कीम में पहला इंजेक्शन खरीदने पर दूसरा मुफ्त मिलता है, लेकिन पहले की पूरी कीमत EMI से चुकानी होगी।

अमेरिका में एक इंजेक्शन का दाम 2.9 लाख रुपये

भारत में इस दवा की कीमत 1.2 लाख रुपये प्रति डोज है, जबकि अमेरिका में यह ~2.9 लाख रुपये (Leqvio ब्रांड के तहत) है। अब तक भारत में 3,000 से ज्यादा मरीज इस दवा का इस्तेमाल कर चुके हैं।

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भारतीय कंपनियों के साथ टाई-अप

नोवार्टिस ने दवा की पहुंच बढ़ाने के लिए भारतीय कंपनियों मैनकाइंड फार्मा, जेबी फार्मा और ल्यूपिन के साथ करार किया है। इन कंपनियों ने दवा को अलग-अलग ब्रांड नामों से लॉन्च किया है।

मैनकाइंड: Crenzlo (क्रेंजलो)

ल्यूपिन: Tilpazan (टिलपैजन)

जेबी फार्मा: Izirize (इजिराइज)

मैनकाइंड के एक अधिकारी ने बताया कि वे इस दवा को और सस्ता बनाने के लिए मरीज सहायता कार्यक्रम पर भी विचार कर रहे हैं। अप्रैल 2024 से अब तक इंक्लिसिरन से जुड़ी सभी कंपनियों की कुल बिक्री 7.7 करोड़ रुपये रही। कार्डियोलॉजिस्ट्स इस दवा को लेकर दो राय रखते हैं:

जसलोक हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. निहार मेहता कहते हैं, "यह दवा दिल के मरीजों के लिए वरदान है। स्टैटिन दवाएं जब काम नहीं करतीं, तब यह नया विकल्प बनेगी।" वहीं, एल.एच. हिरानंदानी हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. गणेश कुमार का कहना है, "इस दवा का इस्तेमाल सीमित मरीजों तक ही होना चाहिए। मैंने पिछले साल केवल 10 मरीजों को ही यह दवा दी, जबकि 2,000 से ज्यादा का इलाज किया।"

क्या यह दवा सबके लिए है?

नोवार्टिस की यह कोशिश भारत में महंगी दवाओं तक पहुंच आसान बनाने की दिशा में एक कदम है। हालांकि, डॉक्टरों का मानना है कि स्टैटिन दवाओं (कोलेस्ट्रॉल कम करने की मुख्य दवाएं) के मुकाबले इंक्लिसिरन का इस्तेमाल तभी करना चाहिए, जब मरीज स्टैटिन बर्दाश्त न कर पाएं या वे काम न करें। इसलिए, आम लोगों के लिए अभी यह दवा "आखिरी विकल्प" ही बनी रहेगी।

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