ITR फाइल करते समय अगर नहीं बरती ये सावधानी तो तय है नोटिस आनी
ITR 2025: इस बार इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करते वक्त खासा सावधान रहने की जरूरत है। अगर रिटर्न में भरी जानकारी और आपके दस्तावेजों में मेल नहीं खाता है, तो इनकम टैक्स डिपॉर्टमेंट की तरफ से नोटिस आ सकता है।
इस बार इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करते वक्त खासा सावधान रहने की जरूरत है। अगर रिटर्न में भरी जानकारी और आपके दस्तावेजों में मेल नहीं खाता है, तो इनकम टैक्स डिपॉर्टमेंट की तरफ से नोटिस आ सकता है। विभाग ने साफ कहा है कि रिटर्न फाइल करने से पहले टैक्स कटौती और दूसरे विवरणों को अच्छी तरह मिला लें। अगर आप पर कोई टैक्स बनता है तो उसे पहले जमा करें और फिर रिटर्न फाइल करें। अगर रिफंड मिलने की स्थिति है तो रिफंड का दावा करें।
बहुत बारीकी से होगी रिटर्न की जांच
इस बार विभाग ने रिटर्न की जांच के लिए ज्यादा ताकतवर सिस्टम लगाया है। यह सिस्टम रिटर्न की जानकारी और दस्तावेजों का मिलान बहुत बारीकी से करता है। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का भी इस्तेमाल हो रहा है। इसीलिए रिटर्न फाइल करते वक्त सारे जरूरी दस्तावेज मांगे जा रहे हैं।
खासकर अगर आप पुराने टैक्स सिस्टम के तहत रिटर्न फाइल कर रहे हैं, तो आपको अपने निवेश, लोन और टैक्स बचत के दूसरे दावों से जुड़े सभी दस्तावेज ऑनलाइन अपलोड करने होंगे। साथ ही, रिटर्न फाइल करते समय अपने सभी बैंक खातों की जानकारी देनी होगी। अगर कोई खाता वार्षिक सूचना विवरण (AIS) में नहीं दिख रहा है, तो उसका ब्योरा भी देना होगा।
इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए, आयकर विभाग ने इस बार ITR फॉर्मों में कई बदलाव किए हैं। खास तौर पर नौकरीपेशा लोगों और छोटे कारोबारियों को ITR फॉर्म-1 और फॉर्म-4 को समझना जरूरी है।
ITR फॉर्म-1 (सहज)
यह फॉर्म सिर्फ एक पन्ने का है और ज्यादातर नौकरी करने वालों, पेंशन लेने वालों या कम आमदनी वालों के लिए बनाया गया है।
अगर आपकी सालाना कुल आमदनी 50 लाख रुपये या उससे कम है तो आप यह फॉर्म इस्तेमाल कर सकते हैं।
इसमें आप नौकरी से होने वाली आमदनी, एक घर से होने वाली आमदनी (किराया या बिक्री), ब्याज जैसे दूसरे स्रोतों से आमदनी, शेयरों पर 1.25 लाख रुपये तक का लॉन्ग-टर्म फायदा (सेक्शन 112A के तहत), और 5,000 रुपये तक की खेती से होने वाली आमदनी दिखा सकते हैं।
ITR फॉर्म-4 (सुगम)
यह फॉर्म व्यक्ति, हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) या फर्म फाइल कर सकती है।
इसके लिए भी सालाना कुल आमदनी 50 लाख रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
इसमें कारोबार या पेशे से होने वाली आमदनी की गणना एक खास सरलीकृत तरीके (धारा 44AD, 44ADA या 44AE) से की जाती है।
नौकरी/पेंशन से आमदनी वाले, एक घर से आमदनी वाले, या 5,000 रुपये तक की खेती से आमदनी वाले लोग भी यह फॉर्म भर सकते हैं।
रिटर्न भरते समय फॉर्म 26AS जरूर मिलाएं
रिटर्न भरने से पहले फॉर्म 26AS की जानकारी को अच्छी तरह चेक कर लेना बहुत जरूरी है। यह आपका आधिकारिक टैक्स स्टेटमेंट होता है। इसमें आपके पैन नंबर पर काटा गया टीडीएस (TDS), जमा किया गया एडवांस टैक्स, कलेक्ट किया गया टीसीएस (TCS), पहले मिले रिफंड और कुछ बड़े लेन-देन का ब्योरा होता है।
इस फॉर्म को देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि आपको कितना टैक्स जमा करना है या आपको कितना रिफंड मिल सकता है। यह भी पक्का करें कि आपका टीडीएस और टीसीएस सही तरीके से दिखाया गया है या नहीं।
AIS देखने के बावजूद फॉर्म 26AS क्यों जरूरी है?
कुछ लोग सिर्फ वार्षिक सूचना विवरण (AIS) देखकर रिटर्न भर देते हैं। AIS में पिछले साल के आपके फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन जैसे म्यूचुअल फंड, शेयर, क्रेडिट कार्ड पेमेंट, जमीन-जायदाद की खरीद-बिक्री का ब्योरा होता है। लेकिन फॉर्म 26AS इससे अलग और बहुत जरूरी है क्योंकि यह सीधे तौर पर आपके टैक्स से जुड़ी आधिकारिक जानकारी दिखाता है, जैसे कितना टैक्स काटा गया, कितना जमा हुआ आदि। इसलिए AIS के साथ-साथ फॉर्म 26AS जरूर चेक करें।