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पस्त पड़ा भारत का शेयर बाजार, 16 साल में पहली बार US मार्केट से कम हुआ वैल्यूएशन

  • Sensex Vs Dow Jones: डॉव जोन्स अमेरिकी शेयर बाजार का इंडेक्स है। बीते साल तक सेंसेक्स ने डॉव के मुकाबले औसतन 25 प्रतिशत प्रीमियम पर कारोबार किया था लेकिन बिकवाली की वजह से माहौल गड़बड़ हो गया।

Deepak Kumar लाइव हिन्दुस्तानTue, 11 March 2025 08:25 PM
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पस्त पड़ा भारत का शेयर बाजार, 16 साल में पहली बार US मार्केट से कम हुआ वैल्यूएशन

Sensex Vs Dow Jones: बीते पांच महीने से भारतीय शेयर बाजार बिकवाली मोड में है। इस वजह से भारतीय शेयर बाजार के वैल्यूएशन में बड़ी गिरावट आई है। करीब 16 साल बाद भारतीय शेयर बाजार की वैल्यूएशन अमेरिकी बाजार से कम हो गई है। ब्लूमबर्ग आंकड़ों के अनुसार, बीएसई सेंसेक्स अब साल 2009 के बाद पहली बार डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज से कम प्राइस-टू-अर्निंग (पी/ई) अनुपात पर कारोबार कर रहा है। बता दें कि डॉव जोन्स अमेरिकी शेयर बाजार का इंडेक्स है। बीते साल तक सेंसेक्स ने डॉव के मुकाबले औसतन 25 प्रतिशत प्रीमियम पर कारोबार किया था लेकिन बिकवाली की वजह से माहौल गड़बड़ हो गया।

सेंसेक्स वर्सेज डॉव जोन्स

सेंसेक्स का वैल्यूएशन वर्तमान में पिछले वर्ष की आय का 21.8 गुना है। बता दें कि यह मार्च 2023 में 23.8 गुना था। इस बीच, डॉव का पी/ई अनुपात 22.4 गुना है, जो एक साल पहले 22.8 गुना से थोड़ा कम है। सेंसेक्स का पी/ई मार्च 2022 में महामारी के बाद के 26 गुना के उच्च स्तर से गिर गया है। वहीं डॉव का पी/ई सितंबर 2022 में 15.6 गुना के निचले स्तर से रिकवर हुआ है।

क्यों आई यह नौबत

भारतीय शेयर बाजार में बिगड़े माहौल को लेकर एक्सपर्ट कहते हैं कि हाल की तिमाहियों में भारत की तुलना में अमेरिका में तेज आय वृद्धि हुई है। अक्टूबर-दिसंबर 2024 की तिमाही में अमेरिका में कॉर्पोरेट आय में 16 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि भारत में आय में केवल 6 प्रतिशत की वृद्धि हुई। पूरे 2025 कैलेंडर वर्ष में अमेरिकी आय भारत की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करना जारी रखने की उम्मीद है।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

सिस्टमैटिक्स इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के धनंजय सिन्हा ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि भारत में कंपनियों की आय में धीमी वृद्धि के कारण विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयरों में अपना पूंजी कम कर दिया है। ये निवेशक अमेरिका, चीन और पश्चिमी यूरोप जैसे बाजारों का रुख कर रहे हैं। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने सितंबर 2023 से भारतीय इक्विटी से लगभग 2.5 ट्रिलियन रुपये निकाले हैं, जिससे इस अवधि के दौरान सेंसेक्स में 12 प्रतिशत की गिरावट आई है।

इसके उलट, डॉव काफी हद तक स्थिर रहा है। पिछले साल शीर्ष 30 अमेरिकी कंपनियों (डॉव इंडेक्स) की आय में 8.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि सेंसेक्स इंडेक्स कंपनियों में 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

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