विमान हादसा, ग्लोबल टेंशन से हड़कंप; निवेशक बेच रहे एयरलाइन कंपनियों के शेयर
एविएशन सेक्टर के शेयरों में दबाव का प्रमुख कारण एयर इंडिया विमान हादसा है। बीते गुरुवार को दोपहर में एयर इंडिया का विमान 786 उड़ान भरने के दो मिनट बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।

Airline companies share: एयर इंडिया विमान हादसे और ग्लोबली टेंशन की वजह से शुक्रवार को भी भारतीय एयरलाइन कंपनियों के शेयर दबाव में थे। सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन एयरलाइन कंपनी- इंडिगो और स्पाइसजेट के शेयरों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई।
इंडिगो के शेयर का हाल
प्राइवेट एयरलाइन इंडिगो के शेयर 5483.25 रुपये की पिछली क्लोजिंग के मुकाबले 5 फीसदी से ज्यादा टूटकर 5175 रुपये के स्तर तक आ गया। पिछले साल अक्टूबर महीने में शेयर 3,778.50 रुपये पर था। यह शेयर के 52 हफ्ते का लो है। वहीं, 10 जून 2025 को शेयर 5,731.80 रुपये तक गया था। यह शेयर के 52 हफ्ते का हाई है। बता दें कि इंडिगो के शेयर पैरेंट कंपनी इंटरग्लोब एविएशन के नाम से लिस्टेड हैं।
स्पाइसजेट के शेयर का हाल
प्राइवेट एयरलाइन स्पाइसजेट के शेयर की बात करें तो यह शेयर 3 फीसदी तक टूटकर 43 रुपये के नीचे आ गया। कारोबार के दौरान शेयर की कीमत 42.16 रुपये के निचने स्तर तक आ गई। यह शेयर के 52 हफ्ते का लो है।
एयर इंडिया विमान हादसे का असर
एविएशन सेक्टर के शेयरों में दबाव का प्रमुख कारण एयर इंडिया विमान हादसा है। बीते गुरुवार को दोपहर में एयर इंडिया का विमान 786 उड़ान भरने के दो मिनट बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। विमान में चालक दल के 12 सदस्य सहित कुल 242 यात्री सवार थे। इस हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी का भी निधन हो गया। विमान में सवार यात्रियों में 169 भारतीय नागरिक, 53 ब्रिटिश, सात पुर्तगाली और एक कनाडाई नागरिक था। इस हादसे में भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक रमेश विश्वास ही जीवित बचे है। उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है।
ग्लोबली टेंशन भी वजह
विमानन शेयरों में बिकवाली का असर मध्य पूर्व में बढ़ते भू-राजनीतिक तनावों से भी पड़ा। इजरायल द्वारा ईरान की राजधानी पर हमला करने के बाद वैश्विक सेंटिमेंट रिस्क जोन में है। जानकारी के मुताबिक तेहरान के परमाणु और मिसाइल प्रोग्राम से जुड़ी सुविधाओं को निशाना बनाया गया। इजरायली सरकार ने कहा कि उसे जवाबी हमलों की उम्मीद है।
इस वृद्धि ने कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आया है। ब्रेंट क्रूड शुक्रवार को 10 प्रतिशत तक बढ़ गया। जेपी मॉर्गन ने पहले चेतावनी दी थी कि मध्य पूर्व में सबसे खराब स्थिति में तेल 130 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकता है।