आखिरी उड़ान का भारी बिल: एयर इंडिया हादसे का ₹4,080 करोड़ का इंश्योरेंस क्लेम
Air India insurance claim: अब एयर इंडिया 475 मिलियन डॉलर (करीब ₹4,080 करोड़) के एविएशन इंश्योरेंस क्लेम की तैयारी में है। यह भारत के इतिहास का सबसे बड़ा एविएशन इंश्योरेंस क्लेम हो सकता है।
12 जून को अहमदाबाद में एयर इंडिया का बोइंग 787 ड्रीमलाइनर उड़ान भरने के महज 33 सेकंड बाद ही हादसे का शिकार हो गया। प्लेन में सवार 242 लोगों में से 241 की मौत हो गई। इसके अलावा, प्लेन के आवासीय इलाके और अस्पताल के हॉस्टल में गिरने से लगभग 30 और लोगों की जान चली गई। इसमें कई विदेशी नागरिक भी शामिल थे।
इतिहास का सबसे बड़ा इंश्योरेंस क्लेम
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक इस दुखद घटना के बाद अब एयर इंडिया $475 मिलियन (करीब ₹4,080 करोड़) के एविएशन इंश्योरेंस क्लेम की तैयारी में है। भारतीय जनरल इंश्योरेंस निगम (GIC) के प्रमुख रामास्वामी नारायणन के मुताबिक, "यह भारत के इतिहास का सबसे बड़ा एविएशन इंश्योरेंस क्लेम हो सकता है।" एयर इंडिया ने ब्लूमबर्ग के सवालों का अभी कोई जवाब नहीं दिया है।
क्लेम का ब्रेकडाउन
1. विमान की कीमत: दावे का $125 मिलियन (₹1,075 करोड़) हिस्सा विमान के अवशेष और इंजन के लिए है।
2. जानमाल का नुकसान: बाकी $350 मिलियन (₹3,014 करोड़) यात्रियों और जमीन पर मारे गए लोगों के मुआवजे के लिए है।
नारायणन ने बताया कि विमान का दावा तो जल्द निपट जाएगा, लेकिन मुआवजे के दावों में समय लगेगा।
क्यों बढ़ सकते हैं प्रीमियम?
यह रकम 2023 में पूरे इंडियन एविएशन इंडस्ट्री द्वारा दिए गए प्रीमियम से तीन गुना ज्यादा है। इसका असर यह होगा कि भारतीय एयरलाइंस के बीमा प्रीमियम बढ़ सकता है। जब भी एयरलाइंस अपने बीमा पॉलिसी रिन्यू करेंगी, कीमतें चढ़ सकती हैं। विदेशी पीड़ितों के मामले में मुआवजा उनके देश के कानून के हिसाब से तय होगा, जिससे क्लेम की रकम और बढ़ सकती है।
भारत पर कम, दुनिया पर ज्यादा असर
भारतीय बीमा कंपनियों पर इसका ज्यादा बोझ नहीं पड़ेगा, क्योंकि GIC जैसी कंपनियों ने 95% से ज्यादा जोखिम ग्लोबल रीइंश्योरर्स को बेच दिया था। उनका विमानन बीमा प्रीमियम कुल प्रीमियम का सिर्फ 1% है।
ग्लोबलडेटा के विश्लेषक स्वरूप कुमार साहू के मुताबिक, "असली वित्तीय बोझ अंतरराष्ट्रीय रीइंश्योरर्स पर पड़ेगा, जिससे पूरे विमानन बीमा बाजार की दरें सख्त होंगी।"
अब भी अनसुलझे सवाल
विमान के ब्लैक बॉक्स का विश्लेषण चल रहा है। विशेषज्ञ इस बात की तह तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर इतना आधुनिक विमान इतनी जल्दी क्यों गिरा? जब तक इस सवाल का जवाब नहीं मिलता, तब तक विमानन उद्योग की चिंताएं बनी रहेंगी।