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ठंडा पड़ रहा है म्यूचुअल फंड निवेशकों का उत्साह, 13 महीने के निचले स्तर पर निवेश

Mutual Funds: मई में भारतीय शेयर बाजार ने बेशक नई ऊंचाइयों को छुआ हो, लेकिन म्यूचुअल फंड निवेशकों का उत्साह कुछ ठंडा पड़ता दिखा। भारतीय इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश 13 महीने के निचले स्तर पर आ गया।

Drigraj Madheshia हिन्दुस्तान टीमWed, 11 June 2025 05:55 AM
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ठंडा पड़ रहा है म्यूचुअल फंड निवेशकों का उत्साह, 13 महीने के निचले स्तर पर निवेश

मई महीने में भारतीय शेयर बाजार ने बेशक नई ऊंचाइयों को छुआ हो, लेकिन म्यूचुअल फंड निवेशकों का उत्साह कुछ ठंडा पड़ता दिखा। बीते महीने में भारतीय इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश 13 महीने के निचले स्तर पर आ गया। यह लगातार 5वां महीना था जब इन निवेशों में गिरावट आई है। इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश मई में 21.66 प्रतिशत घटकर 19,013 करोड़ रुपये रह गया। मई में अप्रैल की तुलना में बाजार में कम तेजी, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, घरेलू शेयर बाजार में पिछले महीनों में तेज रैली के बाद मुनाफावसूली की वजह से म्यूचुअल फंड्स में शुद्ध निवेश घटा है।

गिरावट के 4 मुख्य कारण

1. मुनाफावसूली: पिछले महीनों में शेयर बाजार की तेज रैली (सेंसेक्स-निफ्टी में 2025 में 10%+ उछाल) के बाद निवेशकों ने लाभ लिया।

2. हाई वैल्यूएशन: शेयरों के दाम बढ़ने से निवेशक सतर्क हुए, खासकर स्मॉल-मिडकैप फंड्स में।

3. वैश्विक अनिश्चितता: भारत-पाकिस्तान तनाव और अमेरिकी ब्याज दरों को लेकर चिंता। जापान/यूरोप में मुद्रास्फीति का दबाव।

4. रिडेम्पशन बढ़ा: निवेशकों ने मई में ₹37,591 करोड़ निकाले – जुलाई 2024 के बाद सबसे ज्यादा।

एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) की रिपोर्ट के मुताबिक लगातार 51वें महीने म्यूचुअल फंड योजनाओं में शुद्ध प्रवाह सकारात्मक बना रहा है। कुल मिलाकर, म्यूचुअल फंड उद्योग में मई में 29,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हुआ, जबकि अप्रैल में 2.77 लाख करोड़ का निवेश हुआ था। दूसरी ओर, डेट फंड में अप्रैल में 2.2 लाख करोड़ रुपये का निवेश होने के बाद समीक्षाधीन महीने में 15,908 करोड़ रुपये की निकासी हुई।

रिपोर्ट के अनुसार, उद्योग की प्रबंधन अधीन परिसंपत्ति मई में बढ़कर 72.2 लाख करोड़ रुपये हो गई, जो अप्रैल के अंत में 70 लाख करोड़ रुपये थी। यह उद्योग के लिए एक नया रिकॉर्ड है, जो दर्शाता है कि भले ही कुछ क्षेत्रों में निवेश धीमा हुआ हो, कुल मिलाकर म्यूचुअल फंड भारतीय वित्तीय बाजार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बने हुए हैं। शुद्ध प्रवाह लगातार 51वें महीने सकारात्मक बना रहा है।

ओम्नीसाइंस कैपिटल के सीईओ और चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट डॉ. विकास गुप्ता ने कहा, भारतीय निवेशक अब अधिक समझदार हो रहे हैं और सोच-समझकर पूंजी आवंटन कर रहे हैं। फ्लेक्सी कैप और मल्टीकैप फंड्स में निवेश का सिलसिला जारी है। जबकि मूल्यांकन को लेकर चिंताओं के कारण स्मॉलकैप फंड्स में निवेश घट रहा है।

वहीं, मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट निदेशक (प्रबंधक शोध) हिमांशु श्रीवास्तव ने भी इक्विटी प्रवाह में मंदी के लिए कई कारकों को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि अप्रैल की तुलना में मई में इक्विटी बाजार में कम तेजी, वैश्विक आर्थिक चुनौतियों को लेकर चिंताएं घरेलू इक्विटी में संभावित मुनाफावसूली आदि इसकी वजह रही।

एसआईपी से निवेश ने फिर बनाया रिकॉर्ड

ओपन-एंडेड इक्विटी फंड्स में शुद्ध निवेश लगातार 51वें महीने सकारात्मक रहा है। यह रफ्तार मार्च 2021 से जारी है। खास बात यह है इक्विटी मयूचुअल फंड्स में शुद्ध प्रवाह में यह गिरावट तब आई है जब शेयर बाजार में रिकवरी जारी थी। मई में सेंसेक्स में 1.51% और निफ्टी में 1.71% की बढ़त दर्ज की थी। सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी एसआईपी के जरिये म्यूचुअल फंड्स में मासिक निवेश में 0.21% की बढ़ोतरी दर्ज हुई और यह 26,688 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो की एक रिकार्ड है।

डेट फंड में निकासी, पर कुल एसेट में उछाल

शेयर फंड की तरह, ऋण फंड (कर्ज वाले फंड) में भी मई में एक बड़ा बदलाव देखा गया। अप्रैल में जहां डेट फंड में 2.2 लाख करोड़ रुपये का भारी निवेश हुआ था, वहीं मई में 15,908 करोड़ रुपये की निकासी हुई है। यह निवेशकों की बदलती प्राथमिकताओं और संभवतः ब्याज दरों को लेकर अनिश्चितता को दर्शाता है। इन उतार-चढ़ावों के बावजूद, म्यूचुअल फंड उद्योग ने कुल मिलाकर मजबूत प्रदर्शन किया है।

लॉर्ज कैप फंड को सबसे अधिक झटका

लॉर्ज कैप फंड 1,250.47 -53.19%

मिडकैप फंड ₹ 2,808.68 -15.25%

स्मॉलकैप फंड ₹3,214.21 -19.64%

फ्लेक्सीकैप फंड ₹3,841.32 -30.68%

मई में न्यू फंड ऑफर

मई में करीब 19 नई ओपन-एंडेड म्यूचुअल फंड स्कीम लॉन्च की गईं और इनसे कुल मिलाकर 4,170 करोड़ रुपये जुटाए गए। इस दौरान किसी नए क्लोज-एंडेड फंड की शुरुआत नहीं की गई। इसमें सबसे ज्यादा योगदान सेक्टोरल और थीमैटिक फंड ने दिया, जिन्होंने कुल एनएफओ कलेक्शन में 1,792 करोड़ रुपये जुटाए। हालांकि, ऐसे महज़ दो ही फंड लॉन्च किए गए।

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