मिडिल क्लास को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद, RBI कल कर सकता है ऐलान
आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता वाली एमपीसी की तीन दिन तक चलने वाली बैठक में मौजूदा अंतरराष्ट्रीय एवं घरेलू परिवेश को देखते हुए नीतिगत दर पर विचार किया जाएगा। एमपीसी की बैठक में लिए गए फैसले की जानकारी कल, शुक्रवार को दी जाएगी।

RBI Monetary Policy: भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की द्विमासिक समीक्षा बैठक बुधवार को शुरू हो चुकी है। इसमें वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच आर्थिक वृद्धि को तेज करने के लिए नीतिगत ब्याज दर में एक और कटौती का फैसला लिया जा सकता है। अगर ऐसा होता है तो कर्ज लेना सस्ता हो जाएगा और आम लोगों पर ईएमआई का बोझ भी हल्का होगा। बता दें कि आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता वाली एमपीसी की तीन दिन तक चलने वाली बैठक में मौजूदा अंतरराष्ट्रीय एवं घरेलू परिवेश को देखते हुए नीतिगत दर पर विचार किया जाएगा। एमपीसी की बैठक में लिए गए फैसले की जानकारी शुक्रवार को दी जाएगी।
क्या है डिटेल
इसके पहले आरबीआई ने फरवरी और अप्रैल में हुई पिछली दो मौद्रिक समीक्षा बैठकों में प्रमुख ब्याज दर रेपो में कुल 0.50 प्रतिशत की कटौती की है। इस समय रेपो दर छह प्रतिशत पर है। ऐसे में अगर एमपीसी इस बार भी ब्याज दर में कटौती का फैसला करती है तो यह अल्पकालिक मानक उधारी दर में लगातार तीसरी कटौती हो सकती है।
एनालिस्ट की राय
विशेषज्ञों का मानना है कि आरबीआई शुक्रवार को भी रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर सकता है और यह सिलसिला अगस्त की बैठक में भी जारी रहने की संभावना है। हालांकि, एसबीआई के एक शोध में उम्मीद जताई गई है कि केंद्रीय बैंक जून की समीक्षा बैठक में ही 0.50 प्रतिशत की ‘जंबो’ कटौती कर सकता है। केयरएज रेटिंग्स ने कहा कि गिरती मुद्रास्फीति आरबीआई को बाहरी बाधाओं के बीच वृद्धि को प्राथमिकता देने का लचीलापन देगी। हालांकि, वृद्धि की रफ्तार सुधरी है लेकिन असमान खपत, निजी पूंजीगत व्यय वृद्धि में कमी और विनिर्माण विकास में कमी जैसी चुनौतियां बनी हुई हैं।
एमपीसी में आरबीआई के तीन सदस्य और सरकार द्वारा नियुक्त तीन बाहरी सदस्य शामिल हैं। आरबीआई के सदस्यों में गवर्नर संजय मल्होत्रा, डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव और कार्यकारी निदेशक राजीव रंजन हैं जबकि बाहरी सदस्यों में नागेश कुमार, सौगत भट्टाचार्य और प्रोफेसर राम सिंह शामिल हैं।