₹1 पर आ गया यह ₹792 वाला यह शेयर, लगातार बेचने की होड़, आज भी बड़ी गिरावट, 1 लाख का निवेश घटकर ₹227 रह गया
- Rcom Share: अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (Reliance Communications Ltd) के शेयर में आज 25 नवंबर को ट्रेडिंग हुई। कंपनी के शेयरों में आज 4.66% की गिरावट दर्ज की गई और यह शेयर 1.84 रुपये पर आ गया।

Rcom Share: अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (Reliance Communications Ltd) के शेयर में आज 25 नवंबर को ट्रेडिंग हुई। कंपनी के शेयरों में आज 4.66% की गिरावट दर्ज की गई और यह शेयर 1.84 रुपये पर आ गया। बता दें कि बीते कई सत्रों से इस शेयर की ट्रेडिंग बंद थी। बता दें कि कंपनी के शेयरों में महीनेभर में 20% और इस साल अब तक 11% की गिरावट देखी गई। 11 जनवरी को 2008 में इस शेयर की कीमत 792 रुपये थी। तब से अब तक इसमें 99% की गिरावट देखी गई। यानी इस दौरान अगर किसी निवेशक ने इस शेयर में एक लाख रुपये लगाए होते और अब तक निवेश को बनाए रखते तो आज की तारीख में यह रकम घटकर 227 रुपये रह जाता।
जानिए अन्य डिटेल
कंपनी के शेयरों का 52 वीक का हाई प्राइस 2.59 रुपये और 52 वीक का लो प्राइस 1.47 रुपये है। कंपनी का मार्केट कैप 508.86 करोड़ रुपये है। आपको बता दें कि अनिल अंबानी की ज्यादातर कंपनियां दिवालिया प्रोसेस से गुजर रही है। रिलायंस कम्युनिकेशंस भी दिवालिया प्रोसेस से गुजर रही है। रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी समूह कई कंपनियों वाला एक औद्योगिक घराना या समूह है। अनिल अंबानी इसके मालिक हैं।
इस वजह से भी चर्चा में कंपनी
बीते सप्ताह ही रिलायंस कम्युनिकेशंस ने स्टॉक एक्सचेंजों को सूचित किया कि केनरा बैंक ने कंपनी और उसकी सहायक कंपनी रिलायंस टेलीकॉम को धोखाधड़ी वाले खातों के रूप में क्लासिफाइ किया है। कंपनी ने कहा कि हालांकि, इससे उसके परिचालन पर असर पड़ने की उम्मीद नहीं है क्योंकि यह कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) से गुजर रही है, जो इसे किसी भी कार्यवाही से बचाती है। बता दें कि हाल ही में केनरा बैंक ने फंड के व्यापक दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए अनिल अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड के लोन खाते को 'फ्रॉड' डिक्लेयर करने करने के लिए एक नोटिस जारी किया है। बैंक ने इसमें व्यापक स्तर पर फंड के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया और इस नोटिस में रिलायंस कम्युनिकेशंस के लिए क्रेडिट फैसिलिटी के रूप में स्वीकृत 1,050 करोड़ रुपये के लोन का इस्तेमाल करने में गड़बड़झाले का जिक्र किया गया।