कब आएगी मोदी सरकार की यूनिवर्सल पेंशन स्कीम, क्या हैं इसके फायदे
- Universal Pension Scheme: एक अनुमान है कि वर्ष 2036 तक देश में कुल बुजुर्गों की संख्या 22 करोड़ से अधिक होगी, जिनकी संख्या में निरंतर इजाफा होगा। ऐसे में पेंशन स्कीम के जरिए उनके भविष्य को सुरक्षित बनाने की कोशिश है।

Universal Pension Scheme: लोगों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए केंद्र सरकार यूनिवर्सल पेंशन स्कीम लाने जा रही है। पेंशन से जुड़ी प्रक्रिया पर केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय काम कर रहा है। अगले कुछ महीनों के अंदर पेंशन से जुड़ी प्रक्रिया को निर्धारित कर लिया जाएगा। उसके बाद कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
माना जा रहा है कि इस साल के अंत तक पेंशन योजना का लोगों को लाभ मिलने लगेगा। यह पेंशन स्कीम लचीली होगी, जिसमें अंशदाता को तमाम तरह के विकल्प दिए जाएंगे। वह अपनी मर्जी से ज्यादा अंशदान भी कर सकेंगे। इसमें असंगठित क्षेत्र के लोगों को शामिल किया जाएगा।
क्यों यह नई स्कीम ला रही सरकार
सूत्रों का कहना है कि सामाजिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सरकार पेंशन स्कीम लाने की दिशा में काम कर रही है। इसमें श्रमिकों के लिए तमाम विकल्प दिए जाएंगे। न्यूनतम अंशदान के अतिरिक्त लोग अपनी बचत की अतिरिक्त धनराशि को भी पेंशन खाते में डाल सकेंगे, जितनी रकम उनके द्वारा डाला जाएगी। उसी के हिसाब से सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन मिलनी शुरू होगी।
उदाहरण के लिए एक श्रमिक हर महीने पेंशन खाते में तीन हजार रुपये का योगदान करता है और बीच में उसके पास 30000 या 50 हजार रुपये की व्यवस्था है तो वह उस राशि को भी पेंशन अंशदान के तौर पर अपने खाते में जमा करा सकेगा। बताया जा रहा है कि इसके अतिरिक्त, पेंशन शुरू करने से संबंधित अवधि का भी चयन कर सकेगा।
उदाहरण के लिए सरकार ने 58 वर्ष की आयु का प्रावधान कर रखा है, लेकिन उस वक्त पर किसी व्यक्ति को लगता है कि उसे अभी पेंशन की जरूरत नहीं है तो वह पेंशन शुरू करने की अवधि को 60 वर्ष या उससे अधिक की आयु का चयन कर सकता है।
पेंशन स्कीम होगी व्यापक
सरकार की कोशिश है कि पेंशन स्कीम का लाभ हर व्यक्ति को मिल सके। इसके लिए रोजगार की बाध्यता भी नहीं होगी। कोई व्यक्ति अपने भविष्य को सुरक्षित करना चाहता है तो वह भी इसमें योगदान कर सकेगा। यानी अगर कोई अपनी दुकान चलाता है और वह अपनी बचत की कुछ धनराशि पेंशन के तौर पर भविष्य के लिए सुरक्षित करना चाहता है तो वह भी पेंशन से जुड़ सकेगा। पेंशन स्कीम से जुड़ने की आयु सीमा 18 वर्ष होगी, लेकिन उसके बाद भी कोई भी व्यक्ति पेंशन स्कीम में शामिल हो सकता है।
इसलिए पेंशन स्कीम को व्यापक बनाने की दिशा में काम चल रहा है। श्रम मंत्रालय विशेषज्ञों और तमाम असंगठित क्षेत्र से जुड़े लोगों से भी राय ले रहा है। एक अनुमान है कि वर्ष 2036 तक देश में कुल बुजुर्गों की संख्या 22 करोड़ से अधिक होगी, जिनकी संख्या में निरंतर इजाफा होगा। ऐसे में पेंशन स्कीम के जरिए उनके भविष्य को सुरक्षित बनाने की कोशिश है।