क्या सचमुच ₹55000 तक आएगा सोना, इस भविष्यवाणी पर यकीन करें या नहीं
- Gold Price Outlook: एक खबर तेजी से वायरल हो रही है कि सोने का भाव 50000 से 55000 तक आ सकता है। इतिहास गवाह है जब बाजार डरता है, सोना चमकता है। आगे क्या होगी सोने की चाल, पढ़ें विश्लेषण..

ट्रंप टैरिफ से हिले दुनियाभर के शेयर बाजारों के बाद मीडिया में एक खबर तेजी से वायरल हो रही है कि सोने का भाव 50000 से 55000 तक आ सकता है। इसके पीछे अमेरिकी वित्तीय सेवा फर्म मॉर्निंगस्टार के एक विश्लेषक की बात को कोट किया जा रहा है। फर्म के मुताबिक भारत में सोने की कीमत ₹55,000 प्रति 10 ग्राम तक गिर सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक, जॉन मिल्स ने वैश्विक सोने की कीमतों में तेज गिरावट की भविष्यवाणी की है, जो वर्तमान में $3,080 प्रति औंस से घटकर $1,820 प्रति औंस तक आ सकती है। जॉन मिल्स के दावों में कितना दम है और इतिहास क्या कहता है, आइए एक्सपर्ट्स से समझें...
मंदी, टैरिफ वॉर और मार्केट क्रैश में सोना देता है मजबूत रिटर्न
केडिया कमोडिटिज के प्रेसीडेंट सोने के भाव को 55000 तक आने की भविष्यवाणी को सिरे से खारिज कर, कुछ आंकड़े बतो हैं। जैसे..
2008 के मंदी में एसएंडपी 500 57.69% गिरा, सोना 39.56% चढ़ा।
डॉट-कॉम क्रैश में एसएंडपी 500 49.2% लुढ़का, सोने ने 2 साल में 21.65% रिटर्न दिया।
कोविड क्रैश में शेयर 35.71% गिरे, सोना 32.48% ऊपर चला गया।
टैरिफ वॉर के दौरान एसएंडपी 500 21.87% नीचे आया, सोना पहले से ही 21.15% ऊपर, और अभी और बढ़ने की संभावना।
₹95,000 तक पहुंच सकता है सोना
इतिहास गवाह है कि जब भी शेयर बाजार एक तिमाही में 20% से ज्यादा गिरता है, सोना जरूर चमकता है। केडिया के मुताबिक अगले 3 से 6 महीने में सोना अंतरराष्ट्रीय बाजार में $3200 और भारत में ₹94,000–₹95,000 तक पहुंच सकता है।
क्या कहता है इतिहास?
पिछले 25 सालों में, जब-जब शेयर बाजार में भारी गिरावट आई, सोने ने निवेशकों को सुरक्षा और मुनाफा दोनों दिया है।
2008 का वित्तीय संकट: एसएंडपी 500 57.69% गिरा, सोना 39.56% चढ़ा।
डॉट-कॉम बबल फटा: एसएंडपी 500 49.20% लुढ़का, सोना 21.65% ऊपर गया।
कोविड क्रैश (2020): शेयर 35.71% टूटे, सोना 32.48% बढ़ा।
अभी चल रहा टैरिफ वॉर: एसएंडपी 500 21.87% नीचे, सोना पहले से 21.15% ऊपर, और Q2 2025 तक $3167.7 तक पहुंचने की राह पर।
क्यों मजबूत है सोना?
इस समय सोने को पांच बड़े फायदे मिल रहे हैं:
1. जियोपॉलिटिकल टेंशन (युद्ध, तनाव)
2. डी-डॉलराइजेशन (देश डॉलर से हटकर सोना खरीद रहे हैं)
3. सेंट्रल बैंक और ETF की खरीदारी
4. शेयर बाजार में गिरावट
5. महंगाई और मंदी का डर
आगे क्या
शॉर्ट टर्म में सोना थोड़ा स्थिर हो सकता है, लेकिन 3-6 महीने का नजरिया बुलिश है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना $3340 तक जा सकता है। जबकि, भारत में इसका भाव ₹94,500 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है। अगर आप लॉन्ग टर्म निवेशक हैं तो सोने में धीरे-धीरे पैसा लगाने का सही समय है। जब बाजार डरता है, सोना चमकता है।
(डिस्क्लेमर: एक्सपर्ट्स की सिफारिशें, सुझाव, विचार और राय उनके अपने हैं, लाइव हिन्दुस्तान के नहीं। यहां सिर्फ शेयर के परफॉर्मेंस की जानकारी दी गई है, यह निवेश की सलाह नहीं है। शेयर बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है और निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)
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