Determined Students Shine in NEET Despite Challenges Inspiring Stories from Dhanbad पिता की बीमारी में भी नहीं डिगा धात्री का हौसला , Dhanbad Hindi News - Hindustan
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पिता की बीमारी में भी नहीं डिगा धात्री का हौसला

धनबाद की छात्रा धात्री ने पिता की बीमारी के बावजूद 555 अंक प्राप्त कर नीट में 10,381 रैंक हासिल की। अन्य छात्रों जैसे जाह्नवी, श्वेता, सत्यम और श्रेया ने भी उत्कृष्ट अंक प्राप्त किए। सभी छात्रों ने...

Newswrap हिन्दुस्तान, धनबादSun, 15 June 2025 05:12 AM
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पिता की बीमारी में भी नहीं डिगा धात्री का हौसला

धनबाद। पिता की बीमारी में भी छात्रा धात्री का हौसला कम नहीं हुआ। पिता के ब्रेन ट्यूमर का इलाज चल रहा था। बीमार पिता राजेश्वर राउत ने भी धात्री की लगातार हौसलाअफजाई की। मेहनत ने रंग लाया। 555 अंक प्राप्त करने वाली धात्री को नीट में 10,381 रैंक प्राप्त हुआ है। नीट परीक्षा देने के बाद धात्री पिता के इलाज के लिए हैदराबाद चली गई। धात्री ने कहा कि गोल के शिक्षकों के मार्गदर्शन से यह संभव हुआ। पूरा परिवार काफी खुश है। पिता डीजीएमएस में कार्यरत हैं। सेल्फ स्टडी पर करें फोकस: गोविंदपुर रोड में भूईंफोड़ मंदिर के निकट रहने वाली जाह्नवी को नीट में सफलता मिली है।

549 अंक प्राप्त करने वाली जाह्नवी के पिता मुन्ना सिंह झारखंड पुलिस में एएसआई हैं। वर्तमान में गढ़वा में पदस्थापित हैं। मां कल्याणी सिंह गृहणी है। उन्होंने कहा कि सेल्फ स्टडी पर फोकस करें। निश्चित रूप से सफलता मिलेगी। शुरू से ही मेरी इच्छा डॉक्टर बनने की थी। गोल के शिक्षकों ने काफी मदद की। मन में प्रतिस्पर्धा की भावना लानी होगी : राजकमल की छात्रा श्वेता कुमारी को नीट में 562 अंक मिले हैं। देशभर में 7788 अंक लाने वाली श्वेता ने कहा कि शुरुआत से ही मन में प्रतिस्पर्धा की भावना लानी होगी। यह सोचें कि मेरे साथ पढ़ने वाला जब अच्छा कर सकता है तो मैं क्यों नहीं। उससे अधिक अंक मैं क्यों नहीं ला सकती हूं। पिता अशोक कुमार और मां अंजू कुमारी हैं। नियमित टेस्ट सीरीज देना जरूरी: विज्ञान विहार कॉलोनी के रहने वाले सत्यम को नीट में 526 अंक मिले हैं। सत्यम के पिता लाखो गोप व मां कल्याणी देवी हैं। संत थॉमस स्कूल से 12वीं करने वाले सत्यम ने कहा कि नियमित टेस्ट दें। इसका काफी लाभ मिलता है। अंतिम तीन महीने महत्वपूर्ण: मोंटफोर्ट एकेडमी की छात्रा श्रेया दास ने नीट में 538 अंक प्राप्त किया है। पिता उत्तम कुमार शिक्षक व मां मधुछंदा दास गृहणी हैं। श्रेया ने कहा कि शिक्षकों के बताए रास्ते पर चलना होगा। मेहनत करें। अंतिम तीन महीने कड़ी मेहनत करें। सफलता जरूरी मिलेगी।

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