कोलकाता नाइट राइडर्स के तीन खिलाड़ी बैट टेस्ट में हुए फेल, अंपायर ने आंद्रे रसेल को भी नहीं 'बख्शा'
- कोलकाता नाइट राइडर्स के तीन बल्लेबाज आंद्रे रसल, सुनील नरेन और एनरिक नॉर्खिया का बल्ला जांच में फेल रहा। नियमों के अनुसार बल्ले के मुख की चौड़ाई 4.25 इंच और बल्ले के मध्य भाग की मोटाई 2.64 इंच से अधिक नहीं हो सकती।

इंडियन प्रीमियर लीग 2025 में पंजाब किंग्स और कोलकाता नाइट राइडर्स के बीच खेले गए मुकाबले में सुनील नरेन, आंद्रे रसल और एनरिक नार्खिया का बल्ला जांच में फेल रहा। ये तीनों खिलाड़ी कोलकाता नाइट राइडर्स की टीम का हिस्सा हैं। आईपीएल के 31वें मुकाबले में मंगलवार को रिजर्व अंपायर सैय्यद खालिद ने कोलकाता नाइट राइडर्स की पारी शुरू होने पर सलामी बल्लेबाज नरेन का बल्ला जांचा। जांच के दौरान बल्ले की चौड़ाई को एक गेज के बीच से गुजारा गया। उनका बल्ला सबसे मोटा हिस्सा गेज को पार करने में विफल रहा।
इस दौरान खालिद ने नारायण के साथ खड़े रघुवंशी का बल्ला भी गौर से देखा। रघुवंशी का बल्ला इस जांच में पास रहा। पहली पारी के दौरान तीन ओवर में 14 रन देकर दो विकेट लेने वाले नारायण ने अपनी पारी में चार गेंदों में पांच रन बनाए। वहीं रघुवंशी केकेआर की ओर से 28 गेंदों में 37 रन बनाकर शीर्ष स्कोरर रहे। जब आंद्रे रसेल 11वें ओवर में पंजाब किंग्स के खिलाफ बल्लेबाजी करने आए तो अंपायर साईदर्शन कुमार ने टेस्ट किया और बल्ला पास नहीं हो पाया।
केकेआर की ओर से नॉटर्जे अंतिम बल्लेबाज के रूप में मैदान में उतरे लेकिन वह जिस बल्ले के साथ मैदान में उतरे थे उसे वापिस भेज दिया गया, क्योंकि टीवी कॉमेंटेटर्स के अनुसार अंपायर्स मोहित कृष्णदास और साईदर्शन कुमार की जांच में उनका बल्ला फेल हो गया। यह घटना 16वें ओवर में हुई, इसके बाद सब्सिट्यूट रहमानउल्लाह गुरबाज नॉटर्जे के लिए अतिरिक्त बल्ले लेकर आएं। हालांकि वह इस बल्ले से एक भी गेंद नहीं खेल पाये स्ट्राइक पर खड़े आंद्रे रसेल अगली ही गेंद पर बोल्ड आउट हो गए।
इस सीजन से पहले बल्ले की जांच मैच के समय नहीं किया जाता था। अंपायर मैच की पूर्व संध्या पर ही टेस्ट कर लेते थे लेकिन इससे बल्लेबाज मैच के दिन फायदा उठा सकते थे और अलग बल्ले से खेल सकते थे, जिसके कारण इस सीजन मैच के दौरान ही जांच किया जा रहा है।
क्या है नियम
उल्लेखनीय है कि नियमों के अनुसार बल्ले के मुख की चौड़ाई 4.25 इंच (10.79 सेमी) से अधिक नहीं होनी चाहिए। बल्ले के मध्य भाग (उभरा हुआ भाग) की मोटाई 2.64 इंच (6.7 सेमी) से अधिक नहीं हो सकती। किनारे की अधिकतम चौड़ाई 1.56 इंच (चार सेमी) से अधिक नहीं हो सकती। बल्ले की लंबाई हैंडल के शीर्ष से आधार तक 38 इंच (96.4 सेमी) से अधिक नहीं हो सकती।
भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने हालांकि पावर-हिटिंग के इस जमाने में अधिक सतर्क रहने के लिए मैच अधिकारियों को आवश्यकता पड़ने पर मैदान पर ही बल्ले की किसी भी तरह से जांच करने की अनुमति दी है।