किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बनने पर हुए विवाद पर ममता कुलकर्णी बोलीं- ईश्वर ने 25 साल की तपस्या…
ममता कुलकर्णी को जब किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर के रूप में नियुक्त किया गया तब वह काफी सुर्खियों में आई थीं। वहीं कुछ ने इस पर सवाल भी खड़े किए थे। अब ममता ने इस मामले पर अपनी बात रखी है और बताया कि उन पर भगवान की कृपा थी।

ममता कुलकर्णी को प्रयागराज में महाकुंभ मेले के दौरान किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर के रूप में नियुक्त किया था। हालांकि इसको लेकर काफी विवाद हुआ था। हालांकि बाद में किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास ने ममता कुलकर्णी और आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी दोनों को अखाड़े से निष्कासित कर दिया था। लक्ष्मी ने कथित तौर पर संस्थापक की सहमति के बिना ममता की नियुक्त किया था जिसके कारण काफी विवाद हो गया था। अब ममता ने इस पर अपनी बात रखी है।
क्या बोलीं ममता
एएनआई से बात करते हुए ममता ने कहा, 'मेरे लिए ईश्वर की कृपा थी उस कुंभ में महामंडलेश्वर बनना जो 140 सालों में सबसे पवित्र अवसर था। भगवान ने मुझे मेरी 25 साल की तपस्या का फल दिया।'
ऋषि अजय ने किया था विवाद
बता दें कि 30 जनवरी को ऋषि दास ने प्रेस रिलीज जारी किया जिसमें ऋषि अजय ने कहा था कि किन्नर अखाड़े के संस्थापक के रूप में, मैं आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को किन्नर अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर के पद से तत्काल प्रभाव से मुक्त कर रहा हूं। उनकी नियुक्ति वैसे धार्मिक गतिविधियों को बढ़ावा देने और ट्रांसजेंडर समुदाय के उत्थान के लक्ष्य से की थी, लेकिन वह इन जिम्मेदारियों से भटक गईं।
अजय दास ने बताया था कि ममता कुलकर्णी की नियुक्ति इसलिए चिंता का कारण थी क्योंकि उनका आपराधिक इतिहास रहा है। उन्होंने कहा था, 'ऐसे इंसान को महामंडलेश्वर की उपाधी देना, आप किस तरह के गुरू दे रहे हो सनातन धर्म को?'
ममता के बारे में बता दें कि वह 90 के दशक की पॉपुलर एक्ट्रेस रही हैं। हालांकि साल 2000 में उन्होंने लाइमलाइट से दूरी बना ली थी।
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