Nutan was relieved after breast cancer diagnosis said today I have been set free her family felt presence after death ब्रेस्ट कैंसर का पता चलने पर खुश थीं नूतन, निधन के बाद उनके घर पर हुई थी शॉकिंग घटना, Bollywood Hindi News - Hindustan
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ब्रेस्ट कैंसर का पता चलने पर खुश थीं नूतन, निधन के बाद उनके घर पर हुई थी शॉकिंग घटना

  • नूतन को जब पता चला कि उनको ब्रेस्ट कैंसर हैं तो वह खुश थीं। उनकी मां के मुताबिक, एक ज्योतिषी ने बताया था कि वह महान आत्मा हैं और धरती पर जन्म नहीं लेना चाहती थीं।

Kajal Sharma लाइव हिन्दुस्तानFri, 31 May 2024 01:41 PM
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ब्रेस्ट कैंसर का पता चलने पर खुश थीं नूतन, निधन के बाद उनके घर पर हुई थी शॉकिंग घटना

नूतन को हिंदी सिनेमा की टैलेंटेड एक्ट्रेसेस में गिना जाता है। उनकी मां शोभना समर्थ भी एक्ट्रेस थीं। नूतन ने छोटी उम्र में ही फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया था। नूतन का निधन ब्रेस्ट कैंसर की वजह से 21 फरवरी 1991 में हो गया था। आपको हैरानी होगी लेकिन नूतन के जानने वाले बताते हैं कि जब उन्हें बीमारी का पता लगा तो वह खुश थीं कि जीवन से मुक्ति मिलेगी। नूतन एक हमान आत्मा थीं, यह बात उनकी मां से एक ज्योतिषी ने बताई थी। उनकी बहन तनुजा और मां यह भी कहा करती थीं कि बचपन में नूतन की हथेलियों से चंदन जैसी महक आती थी। नूतन के निधन के बाद उनके लोनावला वाले घर एक ऐसी घटना हुई थी जिसे उनके करीबी पैरानॉर्मल भी मानते हैं।

सुबह 5 बजे तक रोती थीं नूतन

नूतन की जर्नलिस्ट दोस्त ललिता ने फिल्म फेयर को उनकी जिंदगी से जुड़ी कई बातें बताई थीं। उन्होंने बताा था कि नूतन का झुकाव हमेशा आध्यात्म की तरफ था। उनकी मां शोभना ने एख बार बताया था कि वह जब पैदा हुई तो उसके बाद शाम 5 से लेकर सुबह 5 तक रोती रहती थीं। डॉक्टर को दिखाया तो कोई दिक्कत सामने नहीं आई। फिर एक ज्योतिषी ने बताया कि वह एक महान आत्मा है और धरती पर जन्म नहीं लेना चाहती थई। कुछ अधूरे काम पूरे करने के लिए ही जन्मी है। वह बचपन से ही भजन लिखती थीं। उनकी बहन तनुजा और मां शोभना ने बताया था कि नूतन के नाखूनों और हथेली में बचपन से चंदन के तेल की महक आती थी।

मरने के बाद जब फैली चंदन की महक

नूतन को 1990 में ब्रेस्ट कैंसर का पता चला था। पता चलने के बाद उन्होंने राहत की सांस लेते हुए अपनी मां से कहा था, अब मैं मुक्त हो गई हूं। उस वक्त वह गर्जना फिल्म की शूटिंग कर रही थीं। डायरेक्टर को साइनिंग अमाउंट वापस कर दिया था। साथ ही कहा था कि उनका पोर्शन जल्दी पूरा कर लें। बोली थीं, 'मेरे पास ज्यादा वक्त नहीं है'। नूतन की दोस्त ललिता ने बताया था कि उनके निधन के बाद एक बार वे लोग उनके लोनावला कॉटेज में थीं। वहां उनकी मां शोभना भी थीं। तभी उनके आसपास चंदन की महक फैल गई थी। उस वक्त उन्हें नूतन के कहे शब्द याद आ गए थे, मैं रहूं या न रहूं, फिर भी हमेशा रहूंगी।

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