अपडेट- ब्यूरो :: ट्रंप का दावा खारिज कर मोदी ने सबको दिया साफ संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप को स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत और अमेरिका के बीच कोई मध्यस्थता या व्यापार वार्ता नहीं हुई थी। मोदी ने कहा कि भारत ने कभी भी मध्यस्थता...

नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश-दुनिया को स्पष्ट संदेश देते हुए बुधवार को राष्ट्रपति ट्रंप से दो टूक कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मध्यस्थता और व्यापार से जुड़ी कोई बातचीत नहीं हुई थी। दरअसल, ट्रंप के बार-बार युद्ध को लेकर मध्यस्थता किए जाने के दावों से प्रधानमंत्री मोदी को जहां घरेलू राजनीति के मोर्चे पर मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था, वहीं दुनिया में भी इसे लेकर गलत संदेश जा रहा था। कनाडा में जी-7 बैठक के दौरान मोदी और ट्रंप के बीच मुलाकात तय थी, लेकिन ट्रंप के जल्दी चले जाने के कारण यह नहीं हो सकी।
हालांकि बाद में ट्रंप के अनुरोध पर दोनों नेताओं के बीच फोन पर लंबी बातचीत हुई, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी ने इस मुद्दे पर स्थिति साफ की। हालांकि ट्रंप ने उनसे अनुरोध किया था कि वे कनाडा से वापसी के वक्त अमेरिका होकर जाएं। लेकिन प्रधानमंत्री ने अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों के तहत इसमें असमर्थता व्यक्त की। पीएम ने दो मुद्दों पर स्थिति साफ की। एक ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत-अमेरिका के बीच विभिन्न स्तरों पर कई बार वार्ताएं हुईं, लेकिन किसी भी वार्ता में व्यापार से जुड़े मुद्दे पर कोई बात नहीं हुई। दूसरे, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सैन्य कार्रवाई रोकने का फैसला पाकिस्तान के अनुरोध पर किया गया जो उसने मौजूदा सैन्य चैनल के माध्यम से किया। मध्यस्थता को लेकर किसी भी स्तर पर अमेरिका से कोई बात नहीं हुई। मोदी ने कहा कि भारत ने न कभी मध्यस्थता स्वीकार की है, न करता है और न ही करेगा। विदेश मामलों के जानकारों का कहना है कि यह बातचीत बेहद महत्वपूर्ण है। देश में जिस प्रकार विपक्षी दल मध्यस्थता के मुद्दे पर सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहे थे, अब इस मामले में स्थिति साफ हो गई है। दरअसल, ट्रंप के बार-बार मध्यस्थता की बात कहे जाने से विपक्ष को मौका मिल गया था। इसलिए यह कदम कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है। यह भी तय था कि यदि पीएम-ट्रंप की आमने सामने मुलाकात होती तो पीएम सीधे उनके सामने इस बात को रखते। लेकिन फोन पर बातचीत में भी पीएम ने सीधे ट्रंप से स्थिति स्पष्ट की है। इसलिए विपक्ष जो अभी तक सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहा था, उसे जवाब मिल गया है। यदि आगे ट्रंप इस मुद्दे पर दोबारा नहीं बोलते हैं तो यह विवाद खत्म मान लिया जाएगा। ऐसा होने की उम्मीद की जा सकती है।
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