युद्धग्रस्त ईरान से निकल छात्रों का पहला जत्था आज पहुंच रहा दिल्ली, तीन चरणों में कैसे संभव हुई निकासी
तेहरान में भारतीय दूतावास ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा था कि भारतीय मिशन ने सभी भारतीय नागरिकों और भारतीय मूल के लोगों सलाह भी दी है कि जो अपने स्वयं के संसाधनों से तेहरान से बाहर जा सकते हैं, वे सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं।

Operation Sindhu: युद्धग्रस्त ईरान में वैसे तो 1500 छात्रों समेत अभी करीब 10 हजार से ज्यादा भारतीय फंसे हुए हैं लेकिन भारतीय विदेश मंत्रालय ने फिलहाल ईरान की उर्मिया मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे 110 छात्रों को आर्मेनिया के रास्ते ईरान से सुरक्षित बाहर निकाला है। ये सभी छात्र आज रात तक दिल्ली पहुंचने वाले हैं। इनमें से 90 कश्मीरी छात्र हैं। भारत सरकार इन छात्रों की सुरक्षित वापसी की सुविधा प्रदान कर रही है। इन सभी को कतर के रास्ते दिल्ली लाया जा रहा है। भारत ने ईरान से भारतीयों की निकासी और वतन वापसी को ऑपरेशन सिंधु नाम दिया है।
इंडिगो का एक विमान आर्मेनिया की राजधानी येरेवन से इन छात्रों को लेकर कतर की राजधानी दोहा के लिए रवाना हो चुका है। दोहा से दूसरी फ्लाइट उन छात्रों को लेकर दिल्ली पहुंचेगी। विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा था कि इजराइल और ईरान में बढ़ते तनाव के बीच तेहरान में मौजूद भारतीय छात्रों को सुरक्षा कारणों से बाहर निकाल लिया गया है और उनमें से 110 लोग सीमा पार कर आर्मेनिया में प्रवेश कर गए हैं।
तीन चरणों में हुई निकासी
विदेश मंत्रालय ने इन छात्रों की निकासी का तीन चरणों में प्लान बनाया था। इसके तहत ईरान के अलग-अलग शहरों खासकर तेहरान, इस्फहान, हमदान और तब्रीज में रह रहे छात्र सड़क मार्ग से नॉरदुज बॉर्डर पहुंचे, जहां ईरानी विदेश मंत्रालय ने उनके पासपोर्ट की जांच की। ईरानी विदेश मंत्रालय ने कहा था कि देश के हवाई अड्डे भले ही बंद हैं लेकिन सड़क मार्ग खुले हैं।
दूसरे चरण में इन छात्रों को नॉरदुज बॉर्डर से बसों में चढ़ाकर आर्मेनिया में राजधानी येरेवन के एयरपोर्ट पर ले जाया गया, जहां उन्हें इंडिगो की फ्लाइट में फिर रवाना किया गया। अब तीसरे चरण के तहत इन छात्रों को दोहा के रास्ते नई दिल्ली लाया जा रहा है।
ईरान से मिलती है सात देशों की सीमा, फिर आर्मेनिया ही क्यों?
बता दें कि ईरान की अंतरराष्ट्रीय सीमा कुल सात देशों से लगती है। पूर्वी सीमा अफगानिस्तान और पाकिस्तान से लगती है, जबकि उत्तर -पूर्व में तुर्कमेनिस्तान से इसकी सीमा लगती है। पश्चिम में इराक और तुर्किए से और उत्तर में अजरबैजान और आर्मेनिया से इसकी सीमा लगती है। इन सभी देशों में सबसे नजदीक आर्मेनिया है, जहां पैदल भी सड़क मार्ग से पहुंचा जा सकता है। इसके अलावा उससे भारत के संबंध काफी मधुर हैं। इसलिए सरकार ने छात्रों की निकासी का रास्ता आर्मेनिया के जरिए चुना है। इसके अलावा ईरान और आर्मेनिया के बीच कोई सीमा विवाद भी नहीं है।