सुनीता विलियम्स के बाद एक और भारतीय अंतरिक्ष में जाने को तैयार, फिर दिखेगा तिरंगे का दम After Sunita Williams Anil Menon can be the next astronaut of Indian origin who is going to space, Gadgets Hindi News - Hindustan
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सुनीता विलियम्स के बाद एक और भारतीय अंतरिक्ष में जाने को तैयार, फिर दिखेगा तिरंगे का दम

भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलिम्स लंबे वक्त तक अंतरिक्ष में रहने के बाद सकुशल धरती पर वापस आ गई हैं। उनके बाद डॉक्टर अनिल मेनन अंतरिक्ष में जाने वाला अगला भारतीय मूल यात्री बन सकते हैं।

Pranesh Tiwari लाइव हिन्दुस्तानThu, 3 April 2025 10:39 AM
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सुनीता विलियम्स के बाद एक और भारतीय अंतरिक्ष में जाने को तैयार, फिर दिखेगा तिरंगे का दम

दुनियाभर के अलग-अलग देशों में फैले भारतीय मूल के लोग सभी क्षेत्रों में अपनी पहचान बना रहे हैं और खासकर विज्ञान के क्षेत्र में भारतीयों का हर जगह नाम आता है। बीते दिनों अंतरिक्ष में करीब नौ महीने का वक्त बिताने के बाद सुनीता विलियम्स पृथ्वी पर वापस आईं और उन्होंने अंतरिक्ष से भारत की खूबसूरती का जिक्र अपने इंटरव्यू में किया। सुनीता के अलावा कई अन्य भारतीय मूल के लोग अंतरिक्ष का सफर कर चुके हैं और इस लिस्ट में अगला नाम अनिल मेनन का हो सकता है।

डॉक्टर अनिल मेनन वैसे तो अमेरिकी नागरिक हैं लेकिन उनके माता-पिता भारत और यूक्रेन मूल के हैं। अनिल का जन्म मिनियापोलिस, मिनिसोटा में साल 1976 में हुआ और वे अमेरिकी वायुसेना में लेफ्टिनेंट कर्नल होने के अलावा NASA के अंतरिक्ष यात्री भी हैं। साल 2021 में डॉक्टर मेनन का अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने अपने 23वें एस्ट्रोनॉट्स ग्रुप का हिस्सा बनाया और जनवरी, 2022 से उनकी ट्रेनिंग शुरू हो गई।

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मेडिकल बैकग्राउंड से जुड़े हैं अनिल

अनिल मेनन का अंतरिक्ष मिशन से जुड़ना इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्यों वे इमरजेंसी मेडिकल एक्सपर्ट हैं और आपात स्थितियों में इलाज करने के लिए उन्हें स्पेशल ट्रेनिंग भी मिली है। उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से न्यूरोबायोलॉजी में ग्रेजुएशन के बाद स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में मास्टर्स डिग्री और स्टैनफोर्ड मेडिकल स्कूल से मेडिसिन की डिग्री भी ली है। साथ ही टेक्सास मेडिकल ब्रांच यूनिवर्सिटी से पब्लिक हेल्थ में उनके पास मास्टर्स डिग्री है।

अपने अनुभव और मेडिकल फील्ड से जुड़ी ट्रेनिंग का इस्तेमाल करते हुए उन्होंने साल 2010 में में हैती भूकंप, 2015 में नेपाल भूकंप और 2011 में रेनो एयर शो एक्सीडेंट जैसे मौकों पर मदद की है। इसके अलावा अमेरिकी वायुसेना में उन्होंने 45वें स्पेस विंग के लिए फ्लाइट सर्जन और 173वें फाइटर विंग के तौर पर सर्विस दी है। इसके अलावा F-15 लड़ाकू विमान में 100 से ज्यादा उड़ानें भरने के चलते उनके पास अच्छा फ्लाइट एक्सपीरियंस भी है।

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किसी भी अंतरिक्ष मिशन में उनकी यह ट्रेनिंग महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। वे क्रिटिकल केयर एयर ट्रांसपोर्ट टीम का हिस्सा रहे हैं और वाइल्डरनेस के अलावा एयरोस्पेस मेडिसिन में भी उन्होंने स्पेशल ट्रेनिंग ली है।

अगले साल लॉन्च हो सकता है मिशन

भले ही NASA ने अनिल के अगले मिशन को लेकर आधिकारिक जानकारी अब तक शेयर ना की हो लेकिन एस्ट्रोनॉट ग्रुप 23 का हिस्सा होने के चलते वे अगले ISS (इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन) मिशन से जुड़ सकते हैं। मार्च, 2026 में प्रस्तावित Soyuz MS-29 मिशन में उन्हें भी अंतरिक्ष यात्री दल का हिस्सा बनाया जा सकता है। यह एक रशियन क्रूड स्पेसफ्लाइट मिशन है, जिसे कजाकस्तान के बायकोनूर से लॉन्च किया जाएगा।

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