पत्नी की आखिरी इच्छा पूरी करने आए पति की प्लेन क्रैश में मौत, 18 दिन में अनाथ हो गईं मासूम बेटियां
ऐसी ही एक हृदय विदारक कहानी दो बहनों की है, जिनके सिर से 18 दिन में पिता का साया छिन गया। बच्चियों की उम्र महज आठ और चार साल है। दोनों अपनी मां के गम से उभर भी नहीं पाई थीं कि दुखों का और बड़ा पहाड़ उनके सिर पर आ गिरा।

अहमदाबाद प्लेन क्रैश में अब तक 270 जान जाने की खबर है। इन मौतों से हजारों हंसती-खेलती जिंदगी तहस-नहस हो गई हैं। ऐसी ही एक हृदय विदारक कहानी दो बहनों की है, जिनके सिर से 18 दिन में पिता का साया भी छिन गया। बच्चियों की उम्र महज आठ और चार साल है। दोनों अपनी मां के गम से उभर भी नहीं पाई थीं कि दुखों का और बड़ा पहाड़ उनके सिर पर आ गिरा। मासूम बच्चियों ने बीते महीने कैंसर के चलते अपनी मां को खो दिया और अब पिता को।
पत्नी की आखिरी इच्छा पूरी करने आए थे
26 मई को लंदन में दोनों बच्चियों ने अपनी मां भारती को खो दिया, वजह रही कैंसर। अब पिता अर्जुन को अहमदाबाद प्लेन क्रैश में खो दिया है। दरअसल 37 वर्षीय पिता अपनी पत्नी की आखिरी ख्वाइश पूरी करने के लिए लंदन से इंडिया आए थे। अर्जुन अंतिम संस्कार से जुड़े आखिरी कार्यक्रम पूरे करने के लिए लंदन से गुजरात आए थे। उन्होंने बड़ोदरा से 60 किलोमीटर दूर नर्मदा नदी में अपनी पत्नी की अस्थियां को बहाया था। वह अस्थि विसर्जन करके वापस लंदन लौट रहे थे, तभी खुद भी हादसे का शिकार हो गए।
पिता की मौत के बाद काफी चुनौतियां झेलीं
अर्जुन के चचेरे भाई संजय ने बताया कि भाभी की आखिरी इच्छा थी कि अंतिम संस्कार से जुड़े आखिरी कार्यक्रम (अस्थि विसर्जन) भारत में हो। इसलिए भइया यहां आए हुए थे। उन्होंने भावुक होकर कहा कि हमने ऐसा कभी नहीं सोचा था कि कुछ ही दिनों के अंदर उनके साथ भी यही क्रियाकर्म करने होंगे। उन्होंने बताया कि अर्जुन ने अपने पिता को साल 1990 में खो दिया था। इसके बाद उन्होंने अपने जीवन में काफी चुनौतियां झेली हैं।
17 साल से रह रहे थे लंदन
चचेरे भाई ने बताया कि उनकी परवरिश उनकी माता ने की है। 12वीं तक की पढ़ाई सूरत में स्वामी नारायण गुरुकुल से की थी। फिर इसके बाद वो 20 वर्ष की उम्र में लंदन चले गए थे। तब से करीब 17 साल से वो लंदन में रह रहे थे। उन्होंने भारती से शादी की, वो कच्छ की रहने वाली थीं। दोनों लोग हंसी-खुशी से अपनी बेटियों को पाल-पोस रहे थे। बीते सप्ताह परिवार के सभी लोग नर्मदा नदी पर एकट्ठे हुए थे, माहौल काफी भावुक था। हर कोई भारती के चले जाने से दुखी था। अब तो मानों दुखों का पहाड़ टूट पड़ा हो।
लंदन में बच्चियां किसके पास ?
संजय ने बताया कि अर्जुन के छोटे भाई गोपाल भी लंदन में रहते हैं। फिलहाल दोनों बच्चियां उनके पास सुरक्षित हैं और वो ही देखभाल कर रहे हैं। यहां अर्जुन की माता ने बताया अपना डीएनए सैंपल दिया है। इसके जरिए ही उनकी पहचान की जांच हो रही है।
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