पाकिस्तान ने 300 विदेशी मेहमानों को बुलाकर बनाया ऐसा प्लान, जिस पर भड़का बलूचिस्तान
- 8 और 9 अप्रैल को हुए आयोजन में अमेरिका, सऊदी अरब और चीन समेत कई देशों के 300 प्रतिनिधि जुटे थे। इस कार्यक्रर्म में मंथन हुआ कि कैसे पाकिस्तान के खनिजों को दोहन किया जा सकता है और इससे इकॉनमी एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर को क्या लाभ मिलेगा। पहले से ही अशांत बलूचिस्तान में गुस्सा और भड़क गया है।

पाकिस्तान के अशांत क्षेत्र बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में एक बार फिर से गुस्सा भड़का है। इन दोनों ही राज्यों और पीओके के तहत आने वाले गिलगित-बालटिस्तान में बड़े पैमाने पर खनिज है। इसी के दोहन को लेकर पाकिस्तान प्रयास में रहता है, लेकिन बलूचिस्तान से बाल्टिस्तान तक इसे लेकर असंतोष भी है। इसी सप्ताह पाकिस्तान ने मिनरल्स इनवेस्टमेंट फोरम 2025 का आयोजन किया था। इस्लामाबाद में 8 और 9 अप्रैल को हुए आयोजन में अमेरिका, सऊदी अरब और चीन समेत कई देशों के 300 प्रतिनिधि जुटे थे। इस कार्यक्रर्म में मंथन हुआ कि कैसे पाकिस्तान के खनिजों को दोहन किया जा सकता है और इससे इकॉनमी एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर को क्या लाभ मिलेगा। लेकिन इसे लेकर पहले से ही अशांत बलूचिस्तान में गुस्सा और भड़क गया है।
बलूचों का कहना है कि यह स्थानीय लोगों की कीमत पर लूट की कोशिश है। उनके संसाधनों को पाकिस्तान की सरकार लूटती रही है और उसका इस्तेमाल पंजाब में हुआ है। अब वह विदेशी मित्रों को भी इस लूट में साझीदार बना रही है। समिट को संबोधित करते हुए पीएम शहबाज शरीफ ने कहा, 'यदि हम इस छिपे हुए खजाने का अच्छे से इस्तेमाल करें तो विदेशी कर्ज से मुक्त हो सकते हैं।' यह समिट ऐसे दौर में हुआ है, जब बलूचिस्तान में पहले ही रेको डिक कॉपर-गोल्ड माइन को लेकर तनाव की स्थिति है। बलूचिस्तान के लोगों की पाकिस्तान के निर्माण के समय से ही शिकायत है कि उन्हें नजरअंदाज किया जाता है। इन लोगों का कहना है कि हमारे संसाधनों का इस्तेमाल पाकिस्तान के पंजाबी एलीट के फायदे में हो रहा है।
बलूचों में गुस्सा- पहाड़ों से निकल रही दौलत और बच्चे भूखे
एक बुजुर्ग बलोच ने कहा कि हमारे पहाड़ों का सीना चीरकर दौलत निकाली जा रही है, लेकिन यहां बच्चे भूखे मरने को मजबूर हैं। इसके अलावा पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले गिलगित बाल्टिस्तान में भी असंतोष बढ़ रहा है। इस इलाके में बड़े पैमाने पर गोल्ड, यूरेनियम की खदानों का पता चला है। लेकिन इन खदानों को चीनी कंपनियों को लीज पर देने से गुस्सा भड़क रहा है। पीओके के नेताओं का कहना है कि स्थानीय संसाधनों को लेकर उन्हें स्वायत्तता मिलनी चाहिए।
पीओके लीडर बोले- हमारे यहां रहेगी धूल और विदेशी लूटें संसाधन
पीओके के पूर्व पीएम सरदार अतीक अहमद खान ने कहा कि हमारे यहां सिर्फ धूल बचती है और यहां से निकला कीमती संसाधन विदेशी लोगों की जेबों में जा रहा है। बता दें कि पाकिस्तान में सिंध, बलूचिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा से लेकर बाल्टिस्तान तक यह आरोप लगता रहा है कि सिर्फ पंजाबियों का ही सत्ता, सेना और प्रशासन में प्रभुत्व है। बलूचिस्तान में तो इस विरोध की हिंसक प्रतिध्वनि भी अकसर होती है।
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