ईरान के लिए मुस्लिम देश ही कैसे बने काल? अमेरिका ने यूं रचा चक्रव्यूह; अलर्ट मोड पर 40000 जवान
Israel-Iran War: पिछले 24 घंटों में ईरान पर इजरायल ने हवाई हमलों की तीसरी बड़ी कार्रवाई की है। रात भर चले इस अभियान में 50 से अधिक लड़ाकू विमानों ने तेहरान के आसपास लगभग 40 लक्ष्यों को निशाना बनाया है।

Israel-Iran War: ईरान-इजरायल जंग का आज (गुरुवार, 19 जून) सातवां दिन है। दोनों ही देश एक दूसरे पर ताबड़तोड़ हमले कर रहे हैं। ताजा हमलों में ईरानी सेना ने बीती रात दक्षिणी इजरायल में मिसाइलों की बारिश की, जिसमें बीरशेबा में एक अस्पताल को निशाना बनाया गया है। इजरायली प्रवक्ता ने कहा है कि ईरानी हमले में सोरोका अस्पताल को भी भारी नुकसान पहुंचा है। इजरायल की आपातकालीन सेवा का कहना है कि इन हमलों में देश भर में कम से कम 65 लोग घायल हुए हैं।
दूसरी तरफ, खबर है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर हमले की योजना को अपनी मंजूरी दे दी है लेकिन ये हमला कब होगा या उस योजना पर अमल कब होगा, इसका आदेश अभी ट्रंप ने नहीं दिया है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय का मुख्यालय पेंटागन और उसके अधिकारी ईरान पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। इस बीच अमेरिका ने ईरान के खिलाफ किलेबंदी मजबूत कर दी है और ईरान के पड़ोसी मुस्लिम देशों के साथ मिलकर ही उसके खिलाफ चक्रव्यूह की रचना की है।
अमेरिका ने कैसे रचा चक्रव्यूह?
अमेरिका को इस बात की आशंका है कि जैसे ही इजरायल के साथ ईरान के खिलाफ उसके सैनिक जंग में कूदते हैं, वैसे ही ईरान अमेरिका पर पलटवार कर सकता है और ईरान के निकटस्थ देशों में अमेरिकी बेस पर हमले कर सकता है। इससे बचने के लिए अमेरिका ने इस्लामिक गणतंत्र के नजदीक मुस्लिम देशों में तैयारियां पुख्ता कर ली हैं।
40,000 जवानों को अलर्ट पर रखा
द टेलीग्राफ की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि बढ़ते तनातनी के बीच वॉशिंगटन ने संयुक्त अरब अमीरात (UAE), सऊदी अरब और जॉर्डन समेत तमाम मध्य-पूर्व के देशों में तैनात 40,000 जवानों को अलर्ट पर रखा है। एक अन्य मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी अधिकारियों ने मिडिल ईस्ट में उन अमेरिकी ठिकानों की पहचान की है, जहां ईरान संभावित रूप से हमले कर सकता है। बता दें कि मध्य-पूर्व और आसपास में अमेरिकी सेना के कम से कम 20 सैन्य अड्डे मौजूद हैं। इनमें से अधिकांश सैन्य अड्डे ईरानी बैलिस्टिक मिसाइलों की जद में हैं।
तेहरान कहां-कहां बोल सकता है हमला
अमेरिकी अधिकारियों को इस बात की आशंका है कि ईरान के खिलाफ जंग में कूदने पर तेहरान सबसे पहले सीरिया, इराक और अरब देशों में स्थित उसके सैन्य अड्डे को निशाना बना सकता है। इसलिए अमेरिका ने इन सैन्य अड्डों वाले शहरों में अमेरिकी सेना को तैनात कर रखा है, ताकि ईरान की घेराबंदी की जा सके और उसके किसी भी हमले को नाकाम किया जा सके। संभवत: इसी रणनीति पर काम करते हुए अमेरिका ने तीन दर्जन रिफ्यूलिंग एयरक्राफ्ट्स यूरोप भेजे हैं, जो मिडिल ईस्ट के इस अनेरी सैन्य अड्डों की निगरानी और सुरक्षा में तैनात लड़ाकू विमानों की मदद कर सके। इसके अलावा अमेरिका ने दो मालवाहक पोत भी मध्य-पूर्व में भेज रखे हैं।
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