भारतीय छात्र पर हमास से कनेक्शन के आरोप, गाजा से है पत्नी; ट्रंप सरकार ने लिया बड़ा ऐक्शन
- अमेरिका के होमलैंड सिक्योरिटी विभाग ने आरोप लगाए हैं कि बदर खान सूरी के फिलिस्तीनी समूह हमास से संबंध हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, साथ ही यह भी कहा है कि वह सोशल मीडिया पर हमास का प्रोपेगैंडा फैला रहे थे।

अमेरिकी सरकार भारतीय हमास से संबंधों के आरोपी भारतीय छात्र के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने जा रही है। खबर है कि बदर खान सूरी नाम के इस भारतीय छात्र को डिपोर्ट किया जा सकता है। ट्रंप सरकार ने सूरी को अमेरिका की विदेश नीति के लिए 'नुकसानदायक' करार दिया है। खास बात है कि उनकी पत्नी गाजा से हैं और उन्हें अमेरिका की नागरिकता हासिल है। यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है, जब ट्रंप इजरायल के खिलाफ फिलिस्तीन समर्थन रैली में शामिल हुए विदेशियों को डिपोर्ट करना चाह रहे हैं।
अमेरिका के होमलैंड सिक्योरिटी विभाग ने आरोप लगाए हैं कि सूरी के फिलिस्तीनी समूह हमास से संबंध हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, साथ ही यह भी कहा है कि वह सोशल मीडिया पर हमास का प्रोपेगैंडा फैला रहे थे। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, फॉक्स न्यूज को दिए बयान में DHS ने कोई सबूत नहीं दिया है। इसमें कहा गया है कि विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने तय किया है कि सूरी की गतिविधियों के कारण उन्हें डिपोर्ट किया जा सकता है।
कौन हैं बदर खान सूरी
सूरी वॉशिंगटन स्थित जॉर्ज टाउन यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे हैं। वह अमेरिका में स्टूडेंट वीजा पर हैं और उन्हें मफीजी सालेह से शादी की है। वह गाजा से हैं और उन्हें अमेरिकी नागरिकता हासिल है। वह जॉर्जटाउन के अलवलीद बिन तलाल सेंटर फॉर मुस्लिम-क्रिश्चियन अंडरस्टेंडिंग से PhD कर रहे हैं। विश्वविद्यालय ने सूरी को हिरासत में लिए जाने की जानकारी होने से इनकार किया है। साथ ही कहा है कि उन्हें नहीं पता कि सूरी किसी गैर कानूनी गतिविधि में शामिल हैं।
भारतीय छात्र को सोमवार रात वर्जीनिया के रोजलिन से उनके घर से हिरासत में लिया गया था। उनके वकील ने रॉयटर्स को बताया है कि वह इमीग्रेशन कोर्ट से तारीख मिलने का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'अगर संघर्ष के समाधान पर ध्यान लगाने वाले स्कॉलर को सरकार विदेश नीति के लिए बुरा मानती है, तो शायद सरकार में है, स्कॉलर में नहीं।'
हाल ही में ट्रंप सरकार ने कोलंबिया यूनिवर्सिटी के छात्र महमूद खलील को गिरफ्तार कर डिपोर्ट करने की मांग की थी। फिलिस्तीन समर्थन रैली में शामिल होने के कारण उनके खिलाफ यह कार्रवाई की मांग की गई थी। खलील ने कोर्ट में इस फैसले को चुनौती दी है। ट्रंप के आरोप हैं कि खलील हमास का समर्थन कर रहे थे। जबकि, छात्र की लीगल टीम ने इससे इनकार किया है।
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