खुद पर बन आई तो बदले मोहम्मद यूनुस के सुर? शेख हसीना की पार्टी पर नहीं लगाएंगे प्रतिबंध
- बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने कहा है कि आवामी लीग पर बैन लगाने की कोई योजना नहीं है। इससे पहले बांग्लादेश की आर्मी ने चेतावनी दी थी कि सरकार से अगर देश नहीं सम्भल रहा तो सेना सत्ता के सूत्र संभाल सकती है।

बांग्लादेश में बीते साल सत्ता में हुई उथल-पुथल के बाद से स्थिति अब तक संभल नहीं पाई है। अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस के पास हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे अत्याचार पर कोई जवाब नहीं है। बीते महीने सेना ने सरकार को चेता दिया था कि यही हाल रहा तो सेना को ही जिम्मेदारी संभालनी होगी। वहीं पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की भारत से वापसी के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे बांग्लादेश को इस महीने भारत ने बड़ा झटका दिया था। शेख हसीना पर चल रहे कई आपराधिक मुकदमों के बीच शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग को बैन करने की खबरें भी आई थीं। हालांकि अब मोहम्मद यूनुस के सुर बदले हुए लग रहे हैं।
मोहम्मद यूनुस के प्रेस विंग ने गुरुवार को एक बयान में कहा है कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की अवामी लीग पर प्रतिबंध लगाने की कोई योजना नहीं है। हालांकि सरकार ने यह भी कहा है कि पार्टी के लोगों पर हत्या और मानवता के खिलाफ चले रहे मुकदमे जारी रहेंगे। इस दौरान यूनुस ने पुष्टि की है कि सरकार ने चुनावों के लिए दो संभावित समय सीमाएं निर्धारित की हैं और देश में इसी साल चुनाव कराए जाएंगे।
नहीं बदली जाएगी चुनावों की तारीख
चुनाव को योजना के अनुसार आयोजित करने के लिए प्रशासन की प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए, यूनुस ने कहा कि किसी भी स्थिति में मतदान में देरी नहीं की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर राजनीतिक दल चुनाव से पहले सिर्फ सीमित सुधार चाहते हैं, तो मतदान दिसंबर में होगा। हालांकि अगर वे अधिक व्यापक बदलाव चाहते हैं, तो चुनाव अगले साल जून में निर्धारित किए जाएंगे। उन्होंने कहा, "हमारे पास चुनाव की तारीखों को बदलने का कोई कारण नहीं है।" उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रक्रिया स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से आयोजित की जाएगी।
अंतरिम सरकार पर दबाव
गौरतलब है कि बांग्लादेश में आबादी लीग की उपस्थिति में सबसे बड़ी पार्टी बीएनपी और उसके सहयोगी देश में जल्द से जल्द चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं। उनका तर्क है कि चुनाव से पहले सभी राजनीतिक सुधार पूरे किए जाने चाहिए और राजनीति में आवामी लीग की भागीदारी की वैधता पर विचार किया जाना चाहिए। वहीं अंदरूनी सूत्रों ने बताया है कि इन मांगों को लेकर अंतरिम सरकार पर दबाव बना हुआ है।
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