Pakistan defence budget Scramble for 40 Chinese J35A jets जनता भूखी मर रही, उधर चीन से 40 विमान खरीदने जा रहा पाकिस्तान; रक्षा बजट ने खोली पोल, International Hindi News - Hindustan
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जनता भूखी मर रही, उधर चीन से 40 विमान खरीदने जा रहा पाकिस्तान; रक्षा बजट ने खोली पोल

पाकिस्तान ने हाल ही में अजरबैजान के साथ 4.6 अरब डॉलर का सौदा भी किया है, जिसमें 40 जेएफ-17 लड़ाकू विमान आपूर्ति किए जाएंगे, जो पाकिस्तान और चीन द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किए गए हैं।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, इस्लामाबादThu, 12 June 2025 11:08 AM
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जनता भूखी मर रही, उधर चीन से 40 विमान खरीदने जा रहा पाकिस्तान; रक्षा बजट ने खोली पोल

पाकिस्तान की आर्थिक बदहाली के बीच देश ने अपने रक्षा खर्च को बढ़ाते हुए चीन से अत्याधुनिक फिफ्थ जनरेशन स्टील्थ फाइटर J-35A की खरीद की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। दरअसल पाकिस्तान ने अपने रक्षा बजट में 20% की वृद्धि की है, जिसके तहत वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 2,550 अरब रुपये (लगभग 9 अरब डॉलर) आवंटित किए गए हैं। इस वृद्धि का प्रमुख कारण चीन से 40 अत्याधुनिक जे-35ए स्टील्थ फाइटर जेट्स की खरीद का प्रस्ताव है, जो भारत के साथ बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तान की सैन्य ताकत को बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

40 J-35A स्टील्थ लड़ाकू विमान खरीदने पर बातचीत

टाइम्स ऑफ इंडिया ने सूत्रों के हवाले से लिखा, पाकिस्तान चीन से 40 J-35A स्टील्थ लड़ाकू विमान खरीदने पर बातचीत कर रहा है और अगस्त से इनकी डिलीवरी शुरू हो सकती है। J-35A एक ट्विन-इंजन मल्टीरोल फाइटर जेट है, जिसमें PL-17 मिसाइलें और अत्याधुनिक AESA रडार सिस्टम लगे हैं। इससे पाकिस्तान की एयर सुपीरियॉरिटी और स्ट्राइक क्षमता में उल्लेखनीय इजाफा हो सकता है। पाकिस्तान एयरफोर्स ने इस सौदे को पहले ही मंजूरी दे दी है और पायलटों को चीन में ट्रेनिंग दी जा रही है।

चीन ने कथित तौर पर पाकिस्तान को इस सौदे में 50% तक की छूट और लचीले भुगतान विकल्प दिए हैं, जो दोनों देशों के गहराते रणनीतिक संबंधों का प्रतीक है। वर्तमान में पाकिस्तान के लगभग 80% हथियार चीन से आते हैं। J-10C फाइटर जेट और HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम जैसे हथियारों का इस्तेमाल पाकिस्तान ने हाल ही में भारत के साथ सैन्य टकराव के दौरान किया था।

आर्थिक संकट के बीच सैन्य खर्च पर सवाल

पाकिस्तान का यह सैन्य उभार ऐसे समय में हो रहा है जब देश गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है। पाकिस्तान पर चीन का 15 अरब डॉलर का कर्ज पहले ही आ रहा है। इसके अलावा, पाकिस्तान IMF से 6-8 अरब डॉलर के राहत पैकेज की मांग कर रहा है। कुल 269 अरब डॉलर के कर्ज में डूबा देश अपनी GDP का 1.9% से अधिक सिर्फ कर्ज चुकाने में खर्च कर रहा है। ऐसे में सामाजिक कल्याण, शिक्षा और आधारभूत ढांचे पर खर्च के लिए सरकार के पास सीमित संसाधन हैं।

फिर भी, शहबाज शरीफ सरकार ने इस बार के बजट में कुल राष्ट्रीय खर्च को 7% घटाकर 17.57 ट्रिलियन रुपये कर दिया है, जबकि रक्षा खर्च को प्राथमिकता दी गई है। संसद में इस बजट पर खास बहस नहीं हुई, जिससे यह स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान की सैन्य ताकत किस हद तक देश के नीति निर्धारण में प्रभावी है।

भारत के साथ बढ़ेगी तनाव की आशंका

J-35A जैसे स्टील्थ जेट की खरीद से भारत-पाक संबंधों में और तनाव आ सकता है। पाकिस्तान जहां कूटनीतिक मंचों पर संयम और बातचीत की वकालत कर रहा है, वहीं अंदरखाने वह अपनी सैन्य क्षमता को बढ़ाने में लगा है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने हाल ही में चीन, खाड़ी देशों, यूरोपीय संघ और संयुक्त राष्ट्र से संपर्क साधा है ताकि भारत को “आक्रामक” और पाकिस्तान को “स्थिरता लाने वाला” देश बताकर वैश्विक समर्थन जुटाया जा सके।

चीन में इस सौदे को लेकर भी विवाद छिड़ गया है। चीनी सोशल मीडिया पर नागरिकों ने सरकार के इस कदम को "वित्तीय और रणनीतिक रूप से लापरवाह" बताया है, खासकर क्योंकि जे-35ए अभी भी ट्रायल स्टेज में है और इसे चीनी वायु सेना में शामिल नहीं किया गया है। कुछ का कहना है कि पाकिस्तान की सीमित वित्तीय क्षमता को देखते हुए यह सौदा बीजिंग के लिए जोखिम भरा हो सकता है।

डार ने हाल ही में चीन की यात्रा के दौरान भारत के साथ टकराव के समय चीन के समर्थन के लिए बीजिंग का आभार जताया और दोनों देशों के रिश्तों को "आयरन-क्लैड" करार दिया। इसके साथ ही, पाकिस्तान चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर (CPEC) का भी उपयोग अपने लिए आर्थिक जीवनरेखा सुनिश्चित करने में कर रहा है।

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भुखमरी से जूझ रहा पाकिस्तान

वर्ल्ड बैंक की 'पावर्टी एंड शेयर्ड प्रॉस्पेरिटी' रिपोर्ट के अनुसार, 2011-12 में भारत की कुल आबादी का 27.1% अत्यंत गरीबी में जी रहा था, लेकिन 2022-23 तक यह आंकड़ा घटकर केवल 5.3% रह गया। यानी 344.47 मिलियन (34.4 करोड़) की जगह अब 75.24 मिलियन (7.5 करोड़) लोग ही गरीबी रेखा से नीचे हैं- यानी 26.9 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया, जो पाकिस्तान की पूरी आबादी से भी ज्यादा है।

इसके विपरीत, पाकिस्तान में 2017-18 से 2020-21 के बीच अत्यंत गरीबी 4.9% से बढ़कर 16.5% हो गई। यानी सिर्फ़ पांच साल में हालात तीन गुना खराब हो गए। वर्ल्ड बैंक ने महंगाई के मद्देनज़र गरीबी की परिभाषा में बदलाव करते हुए अब अत्यंत गरीबी की रेखा को $2.15 से बढ़ाकर $3 प्रति व्यक्ति प्रतिदिन कर दिया है। भारत ने इस बढ़े हुए मानक के बावजूद भी बेहतर प्रदर्शन किया है, जबकि पाकिस्तान ने हर पैमाने पर निराश किया है।

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