धनबाद में आज 5 लाख लोगों को नहीं मिलेगा पानी, DVC ने काट दिया कनेक्शन; क्या है वजह
धनबाद के पांच लाख लोगों को आज पानी को लेकर परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। डीवीसी ने सप्लाई काट दी है। इसकी वजह से भीषण गर्मी में 5 लाख लोगों को प्यासा रहना पड़ सकता है।

यदि आप शहरी जलापूर्ति योजना पर निर्भर हैं तो सावधान हो जाएं। प्रचंड गर्मी में बुधवार को आपको पानी की किल्लत का सामना करना पड़ेगा। आपके घरों में पानी नहीं मिलेगा। बकाया बिजली बिल को लेकर डीवीसी ने मंगलवार को मैथन जलापूर्ति योजना का कनेक्शन काट दिया है। इस कारण मैथन का पानी धनबाद नहीं पहुंचा। इसका खामियाजा शहरी क्षेत्र के पांच लाख से अधिक उपभोक्ताओं को उठाना पड़ेगा।
बता दें कि मैथन शहरी जलापूर्ति योजना पर धनबाद शहरी क्षेत्र की लगभग पांच लाख की आबादी निर्भर है। इसके लिए मैथन में इंटेक वेल बना है, जहां डैम का पानी जमा होता है। पानी को बिजली के मोटर से भेलाटांड़ वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में भेजा जाता है। यहां पानी साफ कर शहरी क्षेत्र की 19 जलमीनारों से घरों में आपूर्ति की जाती है। बकाया बिजली बिल के कारण डीवीसी ने मैथन इंटेक वेल की बिजली सुबह 10.35 बजे काट दी। इस कारण मोटर चलना बंद हो गया और भेलाटांड़ वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को पानी नहीं मिला। हालांकि पेयजल व स्वच्छता विभाग के अधिकारियों के आग्रह पर रात आठ बजे डीवीसी ने बिजली चालू कर दी है। बावजूद शहर को पानी नहीं मिल पाएगा।
अधिकारियों की मानें तो मंगलवार की सुबह तक भेलाटांड़ वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पहुंचे पानी से इसी दिन आपूर्ति कर दी गई। दिनभर बिजली नहीं रहने के कारण वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पूरी तरह सूख गया है। मैथन में एक बार मोटर बंद होने के बाद दोबारा वहां से पानी धनबाद पहुंचने में सात से आठ घंटे लगते हैं। इतना ही समय पानी की सफाई में लगता है। बुधवार की सुबह चार से पांच बजे तक मैथन का पानी भेलाटांड़ वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पहुंचेगा। अधिकारियों की मानें तो यहां पानी जमा होने के बाद सफाई होगी, जिसमें शाम हो जाएगा। ऐसे में दिन में शहर में जलापूर्ति संभव नहीं है। पानी जमा होने के बाद शाम में कुछ जलमीनारों से जलापूर्ति हो सकती है, जिसमें भी संशय है। शहरी जलापूर्ति योजना के तहत प्रतिदिन शहर में 55 से 60 एमएलडी पानी की आपूर्ति की जाती है। निगम क्षेत्रों के 32 हजार कनेक्शनधारियों के घरों में जलापूर्ति होती है। मैथन में समस्या होने के कारण बुधवार को लोगों के घरों में पानी नहीं पहुंचेगा और उन्हें परेशानी झेलनी पड़ेगी।
3.5 करोड़ रुपए बकाया
पेयजल व स्वच्छता विभाग पर डीवीसी का लगभग 3.5 करोड़ रुपए बकाया है। हर महीने औसतन 1.17 लाख रुपए का बिजली बिल होता है। 28 मार्च को फरवरी तक का बकाया भुगतान कर दिया गया था। चालू वित्तीय वर्ष में एक माह का भुगतान नहीं किया गया है। अधिकारियों के अनुसार आवंटन नहीं आने के कारण यह परेशानी हो रही है। विभाग को आवंटन के लिए लिखा गया है।
नोटिस के बाद काटी बिजली
अधिकारियों की मानें तो डीवीसी ने बकाया भुगतान के लिए पेयजल व स्वच्छता विभाग को लगातार नोटिस भेजा था। साथ ही बिजली काटने की चेतावनी दी थी। बीच में भी एक बार बिजली काटी गई। फिर लिखित आश्वासन के बाद बिजली दी गई। दोबारा उसने नोटिस देकर दो जून तक भुगतान नहीं होने पर बिजली काटने का नोटिस दिया था। भुगतान नहीं हुआ और उसने बिजली काट दी। इस बाबत पेयजल व स्वच्छता विभाग के मैकेनिकल एग्जीक्यूटिव इंजीनियर मयंक कुमार ने कहा कि डीवीसी का लगभग 3.5 करोड़ रुपए बकाया है। इसको लेकर उसने बिजली काट दी। दिनभर बिजली नहीं रहने के कारण बुधवार को जलापूर्ति प्रभावित रहेगी।