Jagnnath Temple Celebrates Bathing Festival on Jyestha Purnima हाप्रभु जगन्नाथ को ज्येष्ठ पूर्णिमा को कराया स्नान, Bokaro Hindi News - Hindustan
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हाप्रभु जगन्नाथ को ज्येष्ठ पूर्णिमा को कराया स्नान

बेरमो क्षेत्र के जगन्नाथ मंदिरों में ज्येष्ठ पूर्णिमा पर भगवान जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा का विधिवत स्नान कराया गया। स्नान के बाद भगवान अस्वस्थ होकर 15 दिनों के लिए एकांतवास में चले गए। 27 जून को भगवान...

Newswrap हिन्दुस्तान, बोकारोThu, 12 June 2025 06:55 AM
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हाप्रभु जगन्नाथ को ज्येष्ठ पूर्णिमा को कराया स्नान

बेरमो/जरीडीह बाजार। बेरमो क्षेत्र के जगन्नाथ मंदिरों में ज्येष्ठ पूर्णिमा, बुधवार को भगवान जगन्नाथ सहित भ्राता बलराम और बहन सुभद्रा को परंपरानुसार विधिवत स्नान कराया गया। रोहिणी नक्षत्र में भीषण गर्मी के बाद जगन्नाथ जी को स्नान कराने की परंपरा है जो स्नान पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इस स्नान के बाद प्रभु जगन्नाथ अस्वस्थ हो जाते हैं और 15 दिनों तक एकांतवास में चले गए। आषाढ़ रथयात्रा के अवसर पर अब अपने भक्तों को दर्शन देंगे। बेरमो के चार नंबर रथ मंदिर में 27 जून को होने वाले भगवान जगन्नाथ महाप्रभु की रथ यात्रा को लेकर बुधवार को गाजे बाजे के साथ कलश यात्रा निकाली गई।

कलश यात्रा मंदिर परिसर से निकलकर लोधरबेड़ा, जारंगडीह स्टेशन व रेलवे गेट होते हुए बनासो मंदिर के समीप कोनार नदी के तट पर पहुंची जहां पर विधि विधान पूर्वक वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच सभी कलशों में जल भरा गया। कलश यात्रा पुन: मंदिर परिसर पहुंची जहां विशेष पूजा शुरू की गई। पुजारी संतोष पांडे ने बताया कि भगवान जगन्नाथ का पूजन अर्चन के बाद कलशों के जल से स्नान कराने के बाद वस्त्र को बदल गया फिर मंगला आरती करायी गई। सूर्य देवता का पूजन हुआ। संध्या में पूजन अर्चना के बाद भगवान जगन्नाथ महाप्रभु अज्ञातवास में चले गए। पुजारी ने कहा कि इस दौरान भगवान को काढ़ा से सेवा की जायेगी। 26 जून को नेत्र उत्सव का आयोजन किया जायेगा। इस दिन प्रभु स्वस्थ हो जायेंगे। इसके बाद शृंगार होगा और नया कलश दिया जायेगा। 27 को भगवान जगन्नाथ भाई बलभद्र एवं बहन सुभद्रा के साथ रथ पर सवार होंगे इस दिन रथ को चार कदम खींचकर मंदिर परिसर में ही खड़ा किया जाएगा जहां मेला का आयोजन किया जाएगा। 28 जून को भगवान की रथ यात्रा निकाली जाएगी जो जरीडीह बाजार के गायत्री ज्ञान मंदिर स्थित मौसीबाड़ी तक जाएगी जहां भगवान 8 दिनों तक विश्राम करेंगे। मंदिर समिति के करुणाकर तांती, अध्यक्ष भगत बारिक, उपाध्यक्ष जगदीश महानंद, सचिव परमानंद तांती, कोषाध्यक्ष बलिराम तांती, उप कोषाध्यक्ष चमन तांती, प्रताप तांती, महेंद्र तांती, बादल तांती, दीपक तांती, दीपक कोहली, राजू बागरा, जगत तांती, अरतुत तांती, सत्येंद्र, मधु तांती, मनीष गोप, महावीर तांती, निमित्त बागरा, शरद तांती, कैलाश तांती, नरेश तांती, गुप्ता गिरि, तेलुगु तांती, राजेंद्र तांती, प्रशांत तांती, महेंद्र तांती, कमला देवी, रविका बाग, बिंदू देवी, कल्पना देवी, मीरा देवी, पद्मिनी देवी, अनु देवी, यशोदा देवी, उमा देवी, संगीता देवी, शांति देवी, सूरजा देवी, राखी देवी, तिलोत्तमा देवी, सीमा देवी, बालू देवी, द्रौपदी देवी, तुला देवी, सीमा देवी, घासनो देवी, वेदमती देवी, प्रतिमा देवी, गोमती देवी, राजेश्वरी देवी आदि थे।

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