Why do air travellers hate seat 11A This is what saved Vishwas Kumar Ramesh in Ahmedabad क्यों 11A सीट से नफरत करते हैं विमान यात्री, इसी ने अहमदाबाद में विश्वास रमेश को बचाया, India News in Hindi - Hindustan
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क्यों 11A सीट से नफरत करते हैं विमान यात्री, इसी ने अहमदाबाद में विश्वास रमेश को बचाया

बोइंग 787 ड्रीमलाइनर (एआई171) की 11ए सीट पर बैठे रमेश चमत्कारी रूप से बच गए। वह ब्रिटिश नागरिक हैं और अपने परिवार से मिलने 45 वर्षीय भाई अजय कुमार रमेश के साथ भारत आए थे।

Nisarg Dixit लाइव हिन्दुस्तानFri, 13 June 2025 08:33 AM
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क्यों 11A सीट से नफरत करते हैं विमान यात्री, इसी ने अहमदाबाद में विश्वास रमेश को बचाया

विश्वास कुमार रमेश, गुरुवार दोपहर से ही यह नाम चर्चा में है। दरअसल, रमेश एकमात्र यात्री हैं, जो गुजरात के अहमदाबाद में हुए विमान हादसे में जीवित बचे हैं। इसकी एक बड़ी वजह उनकी सीट यानी 11A मानी जा रही है। आमतौर पर यात्री इस सीट पर बैठने से बचते हैं। आंकडे़ बता रहे हैं कि इस हादसे में 250 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। फिलहाल, जांच जारी है और दुर्घटना की वजह का पता लगाया जा रहा है।

क्यों यात्री 11A सीट से बचते हैं

रमेश की सीट का नंबर भी 11A था। बीते साल द सन से बातचीत में फ्लाइट अटेन्डेंट्स ने बताया था कि 11A और 11F पर बैठने से यात्री इसलिए बचते हैं, क्योंकि यह प्लेन के बिल्कुल बीच में मौजूद होती है और ऐसे में उन्हें विमान से उतरने में आखिरी में मौका मिलता है। दोनों ही सीटें विंडो हैं। उन्होंने कहा था, 'अगर आप प्लेन से जल्द उतरना चाहते हैं, तो हर कीमत पर 11 रो की सीटों से बचें।'

11A को इसलिए भी खराब माना जाता है, क्योंकि यहां बैठने वाले यात्री को खास नजारे देखने नहीं मिलते। इसकी बड़ी वजह आमतौर पर छोटी खिड़की होना है। फ्लाइट रडार 24 के एक जानकार का कहना है कि बोइंग के एसी सिस्टम के चलते कई बार 11A सीट में खिड़की ही नहीं होती।

कैसे बचे रमेश

बोइंग 787 ड्रीमलाइनर (एआई171) की 11ए सीट पर बैठे रमेश चमत्कारी रूप से बच गए। वह ब्रिटिश नागरिक हैं और अपने परिवार से मिलने 45 वर्षीय भाई अजय कुमार रमेश के साथ भारत आए थे। दोनों ही भाई अलग रो में बैठे थे। हिन्दुस्तान टाइम्स से बातचीत में उन्होंने कहा, 'जब मैं उठा तो मेरे आसपास शव पड़े हुए थे। मैं डर गया और उठकर भागने लगा। मेरे आसपास जहाज के टुकड़े थे। किसी ने मुझे पकड़ा और एम्बुलेंस में डाला और अस्पताल लेकर आ गए।'

हादसा

एअर इंडिया के मुताबिक, विमान में सवार 230 यात्रियों में से 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, एक कनाडाई और सात पुर्तगाली नागरिक थे। विमान में सवार अन्य 12 लोगों में दो पायलट और चालक दल के 10 सदस्य थे। बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान उड़ान भरने के तुरंत बाद एकदम तेजी से नीचे आया और दुर्घटनाग्रस्त हो गया। दुर्घटनास्थल पर काले धुएं का गुबार उठता देखा गया। यह विमान 11 साल पुराना था। लंबी यात्रा के लिए ईंधन टंकी पूरी तरह से भरी रहने का उल्लेख करते हुए विमानन विशेषज्ञों ने बताया कि विमान नीचे गिरने से पहले महज 600 से 800 फुट की ऊंचाई पर गया था।

क्या है वजह

अहमदाबाद में हवाई यातायात नियंत्रण (एटीसी) ने बताया कि विमान के पायलट ने दोपहर 1.39 बजे उड़ान भरने के तुरंत बाद 'मेडे' (आपातकालीन संदेश देने के लिए) कॉल किया, जो पूर्ण आपात स्थिति का संकेत था। उन्होंने कहा कि उपलब्ध वीडियो फुटेज के अनुसार, दोनों इंजन का पूरी क्षमता से काम न करना या पक्षी का टकराना दुर्घटना के संभावित कारणों में से एक हो सकता है। टेलीविजन पर प्रसारित फुटेज में देखा जा सकता है कि विमान उड़ान भरने के तुरंत बाद नीचे की ओर आया, जबकि उसका लैंडिंग गियर (पहिया) अब भी बाहर निकला हुआ था।

यह बोइंग ड्रीमलाइनर से जुड़ी पहली दुर्घटना है, जिसे इसकी उन्नत विशेषताओं के लिए जाना जाता है। वहीं, यह 2020 के बाद से भारत की दूसरी सबसे बड़ी विमान दुर्घटना है, जब एअर इंडिया एक्सप्रेस का एक विमान केरल के कोझीकोड में उतरते समय गीले रनवे से फिसल गया था और उसके दो टुकड़े हो गए थे। विमान में सवार 190 लोगों में से दो पायलट सहित 21 लोगों की जान चली गई थी।

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