स्वस्थ्य महिलाएं व बच्चें देश के लिए जरूरी : उपायुक्त
स्वस्थ्य महिलाएं व बच्चें देश के लिए जरूरी : उपायुक्तस्वस्थ्य महिलाएं व बच्चें देश के लिए जरूरी : उपायुक्तस्वस्थ्य महिलाएं व बच्चें देश के लिए जरूरी :

बोकारो, प्रतिनिधि। जिला समाज कल्याण विभाग की ओर से कैंप टू स्थित जायजा हैपनिंग सभागार में गंभीर तीव्र कुपोषण (सैम) व मध्यम तीव्र कुपोषण (मैम) बच्चों के कुशल प्रबंधन को लेकर शुक्रवार को प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसकी उदघाटन उपायुक्त अजय नाथ झा ने किया। मौके पर सिविल सर्जन डॉ एबी प्रसाद, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी डॉ सुमन गुप्ता, चास सीएचसी प्रभारी डॉ अनिल कुमार समेत अन्य उपस्थित थे। इस मौके पर उपायुक्त ने कहा कि स्वस्थ महिलाएं और बच्चें देश के लिए जरूरी है, दोनों को पूरा पोषण मिलना चाहिए। यदि बच्चे स्वस्थ होंगे तो हमारा देश भी स्वस्थ रहेगा।
उन्होंने गंभीर तीव्र कुपोषण और मध्यम तीव्र कुपोषण बच्चों को चिन्हित करते हुए कुशल प्रबंधन से उन्हें कुपोषण मुक्त बनाने को कहा। प्रशिक्षण में कुशल प्रबंधन को लेकर जो बातें बताई जा रही है, उसे सभी सीडीपीओ- एमओआइसी ध्यान से सुने और धरातल पर इसको अमल कराएं। सेविका-सहायिका, साथी सहिया आदि को इसकी जानकारी दें। गंभीर तीव्र कुपोषण और मध्यम तीव्र कुपोषण को कैसे कुपोषण मुक्त में बदला जाएं, पूरी प्रक्रिया व प्रबंधन को समझें। उपायुक्त ने कहा कि देश के लिए बेटियां बहुत बड़ा ह्यूमन रिसोर्स है। पुरानी धारणा-मानस्किता को हमें बदलना होगा। बेटियां आगे आये, यह सुनिश्चित करें कि उन्हें भाई, पिता, पति और बच्चों की बैशाखी की आवश्यकता नहीं पड़ें। जिन घरों में बेटियों का जन्म होता है, उनके अभिभावकों को “बधाई हो बेटी हुई है” कह कर उन्हें उपहार दें, एक-दूसरे को बधाई दें, खुशी मनाएं। प्रशिक्षण में इन गतिविधियों के बारे में बताया गया 6 माह से 59 माह के अति गंभीर कुपोषित बच्चों की पहचान एवं प्रबंधन, जन्म से 06 माह के बच्चों में कुपोषण होने के खतरे की पहचान, जन्म से 59 माह के मध्यम गंभीर कुपोषित बच्चों की पहचान, समर कार्यक्रम अन्तर्गत अनुश्रव्ण एवं मूल्यांकन, समुदाय आधारित कार्यक्रम अन्तर्गत बिना चिकित्सीय जटिलता वाले अति गंभीर कुपोषित बच्चों का समुदाय स्तर पर आंगनवाड़ी केंद्र के माध्यम से प्रबंधन किया जायेगा, चिकित्सीय जटिलता या भूख की कमी वाले अति गंभीर कुपोषित बच्चों को कुपोषण उपचार केंद्र रेफर किया जायेगा। समर कार्यक्रम अन्तर्गत शून्य से 5 वर्ष तक के गंभीर कुपोषित बच्चों का 11 चरणों में समुदाय स्तर पर पहचान व प्रबंधन निम्न रूप से किया जायेगा। मौके पर बतौर प्रशिक्षक पुष्पा सिंह, महिला पर्वेक्षिका, कुंतल रानी, महिला पर्वेक्षिका, स्मृति चन्द्र दास, पोषण अभियान, अजय वर्मा झारखंड राज्य पोषण मिशन के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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