लक्ष्मीपुर चौक अग्निकांड : श्रावणी मेले से पहले दुकानदारों की टूटी कमर
देवघर के बंबई बाजार में मंगलवार को अचानक आग लग गई, जिससे 40-50 लाख रुपये से अधिक की संपत्ति जल गई। अग्निशमन अधिकारी गोपाल प्रसाद यादव ने मामले की जांच की और दुकानदारों से जानकारी ली। प्रभावित...

देवघर, प्रतिनिधि नगर के लक्ष्मीपुर चौक से शिवगंगा को जोड़ने वाले लक्ष्मी चरण द्वारी पथ अवस्थित बंबई बाजार में मंगलवार दोपहर करीब 3:40 बजे अचानक लगी भीषण आग मामले की जांच करने बुधवार को अग्निशमन पदाधिकारी गोपाल प्रसाद यादव मौके पर पहुंचे। पीड़ित दुकानदारों से मामले के बारे में जानकारी प्राप्त की। हादसे में लगभग 40-50 लाख रुपए से अधिक की संपत्ति जलकर खाक होने की जानकारी दी। हालांकि आग लगने की वजह का स्पष्ट खुलासा नहीं हो पाया है, परंतु स्थानीय लोगों का मानना है कि शॉर्ट-सर्किट से आग लगी। अग्निशमन टीम ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है।
पीड़ितों को आवेदन देकर मुआवजे की प्रक्रिया पूरी करने कहा गया है। श्रावणी मेला से पहले टूटी दुकानदारों की उम्मीद : आग से प्रभावित दुकानदारों में अधिकांश सीमावर्ती राज्य बिहार के विभिन्न जिलों से हैं। पीड़ितों में अरवल जिला निवासी मनोज कुमार, मुकेश कुमार, मनोहर कुमार, गया जिले के टेकारी गांव निवासी विवेक कुमार, गायत्री देवी, पटना के पंडारक के मधु कुमार, शुभम कुमार, मोहनपुर थाना क्षेत्र के हाड़ोडीह गांव के दिलीप कुमार, गणेश कुमार, नवादा जिले के वारलसलीगंज के उमेश कुमार रवानी और रंजीत कुमार शामिल हैं। इन सभी दुकानदारों की अलग-अलग दुकानें थीं, लेकिन दुकानों के मालिक केवल दो व्यक्ति हैं। दुकानों में चूड़ी, बैग, कांसा और पीतल के बर्तन, मनिहारी सामान, जनरल स्टोर, फोटो ग्लैरी, बोल-बम का कपड़ा, पूजन सामग्री आदि की दुकानें थीं। अधिकांश दुकानों पर सस्ते और आकर्षक सामान बेचे जाते थे, जैसे 10, 20, 30 और 60 रुपए की वस्तुएं, जो स्थानीय ग्राहकों और श्रावणी मेले के दौरान आने वाले श्रद्धालुओं के लिए खास आकर्षण का केंद्र होती थी। 12 दुकानदारों ने प्रशासन से लगाई मदद की गुहार : घटना के बाद पीड़ित सभी 12 दुकानदारों ने संयुक्त रूप से जिला प्रशासन से आग्रह किया है कि उन्हें तुरंत सहायता प्रदान की जाए। कहना है कि श्रावणी मेले को ध्यान में रखते हुए लंबे समय से तैयारी कर रहे थे, लेकिन आग ने उनके सारे सपने राख कर दिए। अगर जल्द मुआवजा नहीं मिला, तो उनके लिए जीविका चलाना मुश्किल हो जाएगा। अग्निकांड पीड़ित एक दुकानदार ने रोते हुए कहा, हमारा सबकुछ चला गया, अब कमाएंगे क्या और खाएंगे क्या? अगर सरकार ने मदद नहीं की तो भूखे मरने की नौबत आ जाएगी। प्रशासन ने जताई संवेदना, मुआवजे की प्रक्रिया शुरू : जिला प्रशासन की ओर से इस घटना पर दु:ख व्यक्त करते हुए कहा गया है कि पीड़ितों को उचित मुआवजा दिलाने की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। प्रशासनिक अधिकारी ने अग्निशमन विभाग की रिपोर्ट और स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों की अनुशंसा के आधार पर क्षति-पूर्ति की राशि तय करने की बात कही है। आग ने उजाड़ा कारोबार, टूटी रोजी-रोटी : प्रभावित दुकानदारों का कहना है कि सभी दुकानदार 13 वर्षों से इस इलाके में कारोबार कर रहे थे और श्रावणी मेले से उन्हें बड़ी उम्मीद थी। लेकिन आग ने कुछ ही पलों में उनकी मेहनत को राख कर दी। इनमें कई दुकानदार ऐसे हैं जिनके पास जीवन यापन का यही एकमात्र साधन था। स्थानीय लोगों का कहना है कि बंबई बाजार में अग्निशमन सुरक्षा यंत्र था, लेकिन किसी ने उस समय उसे प्रयोग नहीं किया। कहा कि घटनास्थल के आसपास बिजली तार भी जर्जर हैं। प्रशासन से आग्रह किया कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएं। क्या कहते हैं अग्निशमन पदाधिकारी : मामले को लेकर अग्निशमन पदाधिकारी गोपाल प्रसाद यादव ने बताया कि घटनास्थल का निरीक्षण किया गया है। सभी ने आवेदन देकर नुकासन के बारे में जानकारी दी है। मामले की जांच करने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। आग कैसे लगी इस बारे में किसी ने जानकारी नहीं दी है।
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