Police Arrest Five Cyber Criminals in Deoghar for Fraudulent Activities देवीपुर : पसारपुर जंगल में छापेमारी, 5 साइबर अपराधी गिरफ्तार, 3 को जेल, Deogarh Hindi News - Hindustan
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देवीपुर : पसारपुर जंगल में छापेमारी, 5 साइबर अपराधी गिरफ्तार, 3 को जेल

देवघर के देवीपुर थाना क्षेत्र के पसारपुर गांव में पुलिस ने छापेमारी कर पांच साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से 10 मोबाइल फोन, 12 सिम कार्ड और ठगी से संबंधित सामग्री बरामद की गई है।...

Newswrap हिन्दुस्तान, देवघरSat, 14 June 2025 04:41 AM
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देवीपुर : पसारपुर जंगल में छापेमारी, 5 साइबर अपराधी गिरफ्तार, 3 को जेल

देवघर, प्रतिनिधि। देवीपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत पसारपुर गांव स्थित झाड़ी-जंगल में पुलिस ने छापेमारी के दौरान पांच साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार अभियुक्तों के पास से 10 मोबाइल फोन, 12 सिम कार्ड और ठगी से संबंधित अन्य सामग्री बरामद की गई है। सभी अपराधियों पर फर्जी बैंक प्रतिनिधि, कस्टमर केयर अधिकारी और सरकारी पदाधिकारी बनकर आमलोगों को ठगने का आरोप है। पुलिस ने इनके खिलाफ प्रतिबिंब पोर्टल पर भी पूर्व में दर्ज शिकायतों की पुष्टि की है। कार्रवाई का नेतृत्व पुलिस उपमहानिरीक्षक सह पुलिस अधीक्षक अजीत पीटर डुंगडुंग के दिशा-निर्देश में किया गया। पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि देवीपुर थाना क्षेत्र के पसारपुर गांव के समीप झाड़ियों में कुछ संदिग्ध लोग साइबर ठगी के उद्देश्य से एक अस्थायी अड्डा बना कर बैठे हैं।

सूचना मिलते ही उच्चाधिकारियों के निर्देश पर एक विशेष टीम का गठन किया गया, जिसने त्वरित कार्रवाई करते हुए छापेमारी कर पांच साइबर अपराधियों को रंगे हाथ गिरफ्तार किया। लेकिन शुक्रवार को तीन आरोपियों को जेल भेज दिया । वहीं अन्य दो से मामले के बारे में पूछताछ किया जा रहा है। दोनों को शनिवार को जेल भेजने का प्रक्रिया शुरु कर दी गयी है। गिरफ्तार तीनों आरोपियों में मारगोमुंडा थाना के दुधानी गांव निवासी 23 वर्षीय फिरदौस अंसारी, पथरोल थाना के गौनैया गांव निवासी 19 वर्षीय पंकज कुमार दास, सारवां थाना के चरघरा गांव निवासी 22 वर्षीय श्रीकांत दास शामिल है। अपराध की कार्यप्रणाली : पुलिस द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में स्पष्ट हुआ कि दोनों अपराधी बेहद शातिर साइबर ठग हैं, जो अलग-अलग योजनाओं और तरीकों का इस्तेमाल कर आमलोगों को ठगते थे। पीएम किसान योजना के नाम पर ठगी- आरोपी फर्जी वेबसाइट और लिंक के माध्यम से प्रधानमंत्री किसान योजना के लाभुकों को निशाना बनाते थे। लोगों को लिंक भेजकर व्यक्तिगत जानकारी हासिल करते और फिर उनके बैंक खातों से पैसे निकाल लेते थे। आरोपी खुद को फोन पे, पेटीएम या अन्य डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म का कस्टमर केयर अधिकारी बता यूजर्स से संपर्क करते थे। कैशबैक ऑफर का झांसा देकर यूजर्स से गिफ्ट कार्ड जेनरेट कराते और फिर खुद रिडीम कर ठगी कर लेते थे। आरोपियों की एक और तरकीब थी कि खुद को एयरटेल पेमेंट बैंक प्रतिनिधि बता लोगों को बताते कि उनका कार्ड बंद हो गया है। उसके बाद उसे चालू कराने के नाम पर ओटीपी मांगते और उससे ट्रांजेक्शन कर लेते थे।

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