विमान हादसे में जिंदा बचे शख्स ने तुरंत किसे की थी वीडियो कॉल, कहा- मुझे पता नहीं...
विमान हादसे में जिंदा बचे शख्स के एक अन्य भाई ने कहा कि उसने दुर्घटना के बाद पिता को वीडियो कॉल किया और कहा कि विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। मुझे नहीं पता कि मेरा भाई कहां है। मुझे कोई अन्य यात्री दिखाई नहीं दे रहा है।

अहमदाबाद में हुए विमान हादसे में एक शख्स को छोड़कर बाकी कोई जिंदा नहीं बच सका। भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक विश्वास कुमार रमेश का जिंदा बचना किसी चमत्कार से कम नहीं माना जा रहा है। विमान हादसे के तुरंत बाद विश्वास ने अपने पिता से वीडियो कॉल पर बात की थी। उनके एक और भाई ने इस वीडियो कॉल के बारे में बताया कि विश्वास ने पिता से कहा कि मुझे पता नहीं कि मेरा भाई कहां है। बाकी यात्री भी नहीं दिख रहे हैं। बता दें कि इस हादसे के समय विश्वास और उनके एक भाई भी विमान में सवार थे, लेकिन सिर्फ विश्वास ही जिंदा बच सके।
विश्वास कुमार रमेश के दूसरे भाई ने बताया कि विश्वास ने दुर्घटना के कुछ ही क्षण बाद अपने पिता को फोन करके बताया कि वह बच गया है, लेकिन उसे नहीं पता कि उसके भाई के साथ क्या हुआ, जो उसके साथ विमान में था। नयन कुमार रमेश ने स्काई न्यूज को बताया, "उसने दुर्घटना के समय पिता को वीडियो कॉल किया और कहा कि विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। मुझे नहीं पता कि मेरा भाई कहां है। मुझे कोई अन्य यात्री दिखाई नहीं दे रहा है। मुझे नहीं पता कि मैं कैसे जीवित हूं, मैं विमान से कैसे बाहर निकला।''
11A पर बैठे विश्वास ने बताया कि ऐसा लगा जैसे उड़ान भरने के कुछ सेकंड बाद ही विमान हवा में फंस गया हो। विमान के उड़ान भरते ही हरी और सफेद लाइटें चमकने लगीं। उन्होंने बताया कि विमान ने गति पकड़ी लेकिन ऊंचाई हासिल करने में असमर्थ रहा।
विश्वास के चचेरे भाई अजय वल्गी ने 'बीबीसी' को बताया कि दुर्घटना के बाद रमेश ने इंग्लैंड के लीसेस्टर में अपने रिश्तेदारों को फोन किया। वल्गी ने कहा, "उसने केवल इतना कहा कि वह ठीक है, इसके अलावा कुछ नहीं कहा।" उन्होंने आगे कहा कि विश्वास की पत्नी और घर पर एक छोटा लड़का है। परिवार खुश है कि विश्वास ठीक है, लेकिन वे दूसरे भाई को लेकर परेशान हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को दुर्घटनास्थल पर गए और अस्पताल में विश्वास कुमार रमेश से मिले। विश्वास ने बिस्तर पर लेटे हुए कहा, "मैंने प्रधानमंत्री मोदी को बताया कि मैंने क्या-क्या देखा। उन्होंने मेरे स्वास्थ्य के बारे में भी पूछा।" मेघानी नगर इलाके में हुए हादसे के बाद विश्वाश कुमार ने बताया, "मुझे भी यकीन नहीं हो रहा है कि मैं कैसे जिंदा बच गया। एक पल के लिए तो मुझे लगा कि मैं भी मरने वाला हूं। लेकिन जब मैंने आंखें खोलीं और चारों ओर देखा तो मुझे एहसास हुआ कि मैं जिंदा हूं। मुझे अभी भी यकीन नहीं हो रहा है कि मैं कैसे बच गया।"