170 जर्जर स्कूल भवन को तोड़ने का आदेश जारी
धनबाद के डीईओ अभिषेक झा ने हिन्दुस्तान द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट के आधार पर 170 जर्जर स्कूल भवनों को तोड़ने का आदेश दिया है। शिक्षकों और अभिभावकों ने राहत की सांस ली है। जर्जर भवनों की जांच के बाद...

धनबाद, मुख्य संवाददाता आपके अपने लोकप्रिय समाचार पत्र हिन्दुस्तान में छपी खबर पर डीईओ अभिषेक झा ने संज्ञान लिया है। एक अप्रैल को हिन्दुस्तान ने 170 स्कूल भवन जर्जर घोषित, अब तक तोड़े नहीं गए हेडिंग से खबर प्रकाशित की थी। मामले में शुक्रवार को डीईओ ने जर्जर स्कूल भवनों को तोड़ने का आदेश जारी कर दिया है। जर्जर स्कूल भवनों को तोड़ने का आदेश जारी होने के बाद शिक्षकों व अभिभावकों ने राहत की सांस ली है।
डीईओ ने जारी आदेश में कहा है कि जर्जर भवन तोड़ने से पूर्व निस्तारण मूल्य की गणना संबंधित कनीय अभियंता से कराना अनिवार्य होगा। यदि निस्तारण मूल्य की राशि बची रहती है तो उसे सरकारी खजाना/ कोषागार में जमा करना होगा। ध्वस्त करने के बाद मलबा हटाने की जवाबदेही विद्यालय प्रबंधन समिति की होगी। ध्वस्त करने के दौरान जर्जर भवन क्षेत्र की घेराबंदी की जाएगी ताकि छात्र-छात्राएं सुरक्षित रह सकें। जर्जर भवन को तोड़ने के लिए विभाग की ओर से किसी प्रकार की राशि नहीं दी जाएगी।
बताते चलें कि उक्त जर्जर भवनों की जांच के बाद भवन निर्माण विभाग भवन प्रमंडल धनबाद ने कंडम घोषित कर दिया था। विद्यालयवार संयुक्त जांच रिपोर्ट व जर्जर भवनों का फोटोग्राफ भी कार्यालय को उपलब्ध कराया गया। विभाग ने अब तोड़ने का आदेश दिया है।
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खिड़की, दरवाजे क्षतिग्रस्त
इन स्कूलों में चिह्नित जर्जर भवन में खिड़की, दरवाजा, छत, बीम व फर्श क्षतिग्रस्त हैं। कई स्थानों पर दीवारों में दरारें पड़ गई हैं। बरसात के दिनों में छत से पानी का भी रिसाव होता है। इस कारण संबंधित स्कूलों के शिक्षक व अभिभावक डरे हुए हैं। कई बार स्कूलों की ओर से जर्जर भवनों को तोड़ने के लिए आदेश जारी करने की मांग की गई। झारखंड शिक्षा परियोजना धनबाद ने एक साल पहले जिले के 448 सरकारी स्कूलों के 607 स्कूल भवनों की सूची जांच के लिए भवन प्रमंडल को भेजी थी। अब तक 170 स्कूलों की ही जांच रिपोर्ट मिली है। अभी भी 278 स्कूल भवनों की रिपोर्ट का इंतजार है।
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किस प्रखंड में कितने जर्जर स्कूल
बलियापुर 6, गोविंदपुर 66, तोपचांची 23, बाघमारा 25, निरसा 28 और झरिया में 22
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