Dhanbad Land Dispute District Council vs Railways Over Tender for Restaurant एक ही जमीन पर रेलवे व जिला परिषद ने ठोंका दावा, Dhanbad Hindi News - Hindustan
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एक ही जमीन पर रेलवे व जिला परिषद ने ठोंका दावा

धनबाद में पूजा टॉकीज के पास एक जमीन को लेकर जिला परिषद और रेलवे आमने-सामने हैं। रेलवे ने इस जमीन पर रेल कोच रेस्टोरेंट बनाने के लिए टेंडर निकाला है, जबकि जिला परिषद ने चहारदीवारी के लिए टेंडर जारी...

Newswrap हिन्दुस्तान, धनबादThu, 12 June 2025 06:47 AM
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एक ही जमीन पर रेलवे व जिला परिषद ने ठोंका दावा

धनबाद। पूजा टॉकीज के पास की एक जमीन को लेकर जिला परिषद और रेलवे आमने-सामने है। दोनों सरकारी विभागों ने एक ही जमीन के लिए अलग-अलग टेंडर निकाला है। रेलवे ने जमीन पर रेल कोच रेस्टोरेंट बनाने के लिए टेंडर आमंत्रित किया है तो वहीं दूसरी तरफ जिला परिषद ने जमीन की चहारदीवारी का टेंडर निकाल दिया है। पूजा टॉकीज के बगल में रेल क्वार्टर से सटी जमीन पर रेलवे ने कोच रेस्टोरेंट खोलने का निर्णय लिया है। इसके लिए रेलवे के कॉमर्शियल विभाग ने 29 मई को टेंडर आमंत्रित किया था। इसके लिए ई-ऑक्शन के माध्यम से 13 जून को बिडिंग होगी।

धनबाद रेलवे स्टेशन की दक्षिणी छोर पर खुले कोच रेस्टोरेंट की सफलता के बाद धनबादवासी पूजा टॉकीज के पास रेस्टोरेंट के खुलने को लेकर उत्साहित हैं। अब जिला परिषद के दावे से रेलवे की महत्वाकांक्षी योजना खटाई में पड़ती नजर आ रही है। जिला परिषद ने भी रेल कोच रेस्टोरेंट के लिए प्रस्तावित जमीन की घेराबंदी के लिए टेंडर निकाला है। इसके लिए 2.83 लाख रुपए का प्रस्ताव दिया गया है। रेलवे के दावे से जिला परिषद की चहारदीवारी का काम भी अटकता नजर आ रहा है। अभी जमीन पर चल रहा खटाल: रेलवे और जिला परिषद ने जिस जमीन पर दावा किया है, उसपर फिलहाल खटाल चल रहा है। खटाल संचालक जमीन पर कब्जा जमा कर मवेशियों को पाल रहा है, जबकि जमीन के सामने ठेला और खोमचे वालों का कब्जा है। जमीन पर तीन तरफ से रेलवे की बाउंड्री है। सड़क की तरफ भी टूटी-फूटी कम ऊंचाई वाली चहारदीवारी पहले से है। 10 साल पहले जिप ने दुकान बनाने का किया था प्रयास: जिला परिषद ने 2015 में जमीन पर 15 दुकान बनाने का प्रयास किया था। इसके लिए जमीन पर शिलान्यास भी किया गया था। वहां लगे शिलापट्ट पर तत्कालीन सांसद पशुपति नाथ सिंह, विधायक राज सिन्हा और तत्कालीन जिप अध्यक्ष रोबिन गोराईं के नाम हैं। दुकानों की नींव रखने के बाद ही रेलवे ने जमीन को अपना बताते हुए दावा किया था। रेलवे ने जिला परिषद को चिट्ठी भी लिखी थी। दोनों विभागों ने जमीन की मापी भी कराई थी।

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