कामडारा सीएचसी में टॉर्च और मोबाइल की रोशनी में होता है इलाज
सीएचसी की व्यवस्था सवालों के घेरे में सीएचसी की व्यवस्था सवालों के घेरे में सीएचसी की व्यवस्था सवालों के घेरे में सीएचसी की व्यवस्था सवालों के घेर

कामडारा, प्रतिनिधि । नवनिर्मित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) कामडारा में अव्यवस्था चरम पर है। रात के वक्त यहां टॉर्च और मोबाइल की रोशनी में मरीजों का इलाज किया जा रहा है। जिससे न सिर्फ मरीजों बल्कि डॉक्टर, एएनएम व अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बुधवार की रात लोयंगा बाजार टांड़ के पास सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल एक वृद्ध को कामडारा पुलिस जब अस्पताल लेकर पहुंची। आपातकालीन कक्ष में बिजली नहीं थी। प्राथमिक उपचार के लिए डॉक्टर और एएनएम ने मोबाइल और टॉर्च की रोशनी में इलाज किया। यह स्थिति तब है जब अस्पताल को हाल ही में नए भवन में शिफ्ट किया गया है,और सरकार स्वास्थ्य सेवाओं पर हर साल करोड़ों खर्च करती है।
रात अस्पताल परिसर में अंधेरा पसरा रहता है,और घायल का इलाज मोबाइल लाइट के सहारे होता है। बुधवार रात स्थानीय कांग्रेस नेता अजीत गुड़िया ने भी मौके पर पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया और स्वास्थ्य व्यवस्था पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि ऐसी हालातों में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सुनील खलखो को खुद व्यवस्था संभालनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब स्वास्थ्य कर्मियों को इलाज के लिए खुद अंधेरे में मोबाइल जलाना पड़े, तो यह विभागीय लापरवाही का जीता-जागता उदाहरण है। यह आम मरीजों के साथ अन्याय है। तात्कालीन उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने बीते दिनों अस्पताल का दौरा कर व्यवस्थाएं सुधारने के लिए 10 दिनों की समय सीमा दी थी, लेकिन फिलहाल हालात जस के तस हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि विभाग इस लापरवाही पर कब कार्रवाई करता है और आम लोगों को कब राहत मिलेगी। उधर स्थानीय लोगों का कहना है कि जब नया भवन बना है तो बिजली, जनरेटर, प्राथमिक उपचार के लिए जरूरी संसाधन और 24 घंटे स्टाफ की व्यवस्था होनी चाहिए। यदि व्यवस्था नहीं सुधरी तो वे आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं।
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