टनल हादसे में लापता मजदूर संतोष का परिजनों ने किया प्रतीकात्मक अंतिम संस्कार
सात वर्षीय बेटे ऋषभ ने दी मुखाग्नि सात वर्षीय बेटे ऋषभ ने दी मुखाग्नि सात वर्षीय बेटे ऋषभ ने दी मुखाग्नि सात वर्षीय बेटे ऋषभ ने दी मुखाग्नि सात वर्ष

गुमला, प्रतिनिधि । तेलंगाना के नगरकुरनूल जिले में निर्माणाधीन एसएलबीसी सुरंग हादसे में लापता हुए गुमला थाना क्षेत्र के तिर्रा गांव निवासी मजदूर संतोष साहू का शव ढाई महीने बीत जाने के बाद भी नहीं मिल सका। रविवार को परिजनों ने पूरे हिंदू रीति-रिवाजों के साथ उनका प्रतीकात्मक अंतिम संस्कार किया। तिर्रा श्मशान घाट में सात वर्षीय पुत्र ऋषभ ने पिता को मुखाग्नि दी। 22 फरवरी को हुए इस हादसे में संतोष साहू समेत जिले के चार मजदूर सुरंग में फंस गए थे। दो महीने से अधिक समय तक चलाए गए रेस्क्यू ऑपरेशन के बावजूद मजदूरों का कोई सुराग नहीं मिल सका।
परिजन लगातार उम्मीद में थे कि शायद संतोष सकुशल लौट आएं, लेकिन अंततः प्रतीक्षा समाप्त करते हुए उन्होंने अंतिम संस्कार का निर्णय लिया। संतोष साहू 2010 में संतोषी देवी के साथ विवाह बंधन में बंधे थे। उनके तीन बच्चे हैं 12 वर्षीय रीमा,11 वर्षीय राधिका और सात वर्षीय ऋषभ। रीमा गुमला एसएस गर्ल्स हाई स्कूल में कक्षा छह की छात्रा है,जबकि राधिका और ऋषभ गांव के स्कूल में पढ़ते हैं। परिवार की संपूर्ण जिम्मेदारी संतोष के कंधों पर थी। तीन मई को उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी की अगुवाई में तेलंगाना सरकार की ओर से संतोष के परिजनों को 25 लाख रुपये की सहायता राशि का चेक प्रदान किया गया था। साथ ही, संतोष साहू का मृत्यु प्रमाण पत्र भी सौंपा गया।
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