सिरमटोली सरना को लेकर गुमला में आदिवासी सड़क पर उतरे, जनजीवन प्रभवित
गुमला शहर से लेकर,सिसई में भरनो और डुमरी तक बंद का व्यापक असर, सिसई में प्रदर्शन कारियों ने मुख्यमंत्री का किया पुतला दहन, सरना कोड,पेसा कानून,खतियान

गुमला, हिटी। सिरमटोली सरना स्थल के समीप फ्लाईओवर के निर्माण के विरोध और सरना आस्था से जुड़े अन्य मुद्दों को लेकर विभिन्न आदिवासी संगठनों द्वारा बुधवार को बुलाए गए बंद का प्रभाव गुमला जिले में असरदार रहा। बंद के समर्थन में गुमला शहर,भरनो, डुमरी,सिसई व्यापक प्रभाव देखा गया,जबकि कामडारा और घाघरा प्रखंड में आंशिक से रहा,और सामान्य जनजीवन यथावत रहा। गुमला शहर में सिरमटोली सरना स्थल बचाओ मोर्चा और आदिवासी अधिकार संघर्ष मोर्चा के आह्वान पर बंद पूरी तरह असरदार रहा। प्रखंड मुख्यालयों से लेकर शहरी इलाकों तक दुकानें बंद रहीं और यातायात भी प्रभावित हुआ। कई स्थानों पर टायर जलाकर सड़कों को जाम कर दिया गया।
जिससे लोगों को दिनभर आवागमन में कठिनाई हुई। टावर चौक, केओ कॉलेज रोड, जशपुर चौक और करमडीपा आदि जगहों पर बंद समर्थकों ने सड़क पर बैठकर प्रदर्शन किया। भरनो में आदिवासी नेता मुकेश उरांव और सुकेश उरांव की अगुवाई में एनएच-23 को सुबह सात बजे से 11 बजे तक जाम कर दिया गया। प्रदर्शनकारियों ने सरना स्थल से रैंप हटाओ और पेसा कानून लागू करो जैसे नारे लगाए। बाद में बीडीओ अरुण कुमार सिंह को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा गया। जिसमें सरना कोड लागू करने, शराब नीति रद्द करने, खतियान आधारित स्थानीय नीति और भूमिसंरक्षण से जुड़ी मांगें शामिल थीं। डुमरी प्रखंड में सरना समाज के युवाओं ने मोटरसाइकिल जुलूस निकाला और विभिन्न गांवों में घूम-घूमकर दुकानों को बंद कराया। बंद के दौरान शांतिपूर्ण नारेबाजी की गई और प्रशासन की निगरानी में स्थिति नियंत्रण में रही। सिसई में बंद का मिला-जुला असर देखने को मिला। व्यवसायिक प्रतिष्ठान आंशिक रूप से खुले रहे, लेकिन आदिवासी संगठनों द्वारा रैली और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पुतला दहन कर विरोध जताया गया। सरना कोड और आदिवासी धर्मस्थलों की सुरक्षा को लेकर जमकर नारेबाजी हुई। वहीं घाघरा प्रखंड में बंद का कोई खास असर नहीं देखा गया। क्षेत्र की दुकानें, स्कूल, बैंक खुले रहे और वाहनों का परिचालन सामान्य रहा। बंद के दौरान कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है, हालांकि सभी संवेदनशील स्थलों पर पुलिस बल तैनात रहे। बंद समर्थकों ने सरकार से आदिवासी अस्मिता और अधिकारों की रक्षा की मांग दोहराई। कामडारा में बंद रहा बेअसर,जनजीवन सामान्य कामडारा। राजधानी रांची स्थित सिरमटोली सरना स्थल के पास फ्लाईओवर रैंप निर्माण के विरोध में विभिन्न आदिवासी संगठनों द्वारा आहूत झारखंड बंद का असर बुधवार को कामडारा प्रखंड में नहीं देखा गया। यहां जनजीवन पूरी तरह सामान्य रहा। रांची-सिमडेगा स्टेट हाईवे पर यात्री बसों और मालवाहक वाहनों का परिचालन अन्य दिनों की तरह सामान्य रहा। कामडारा,पोकला, बाकुटोली समेत सभी प्रमुख स्थानों की दुकानें और बाजार रोज की तरह खुले रहे। सरकारी कार्यालयों में भी कामकाज सामान्य रूप से जारी रहा। हालांकि कर्मियों और आम ग्रामीणों की उपस्थिति अपेक्षाकृत कम रही। कामडारा प्रखंड सह अंचल कार्यालय परिसर में भी अन्य दिनों की तुलना में सन्नाटा पसरा रहा। कामडारा थाना पुलिस के पदाधिकारी और सुरक्षा बल के जवान लगातार गश्ती पर रहे। दंडाधिकारी के रूप में पोकला गेट पर प्रभारी अंचल निरीक्षक प्रकाश कुमार और मिशन चौक पर जेई राहुल सुग्रीव ड्यूटी पर मुस्तैद रहे।
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