फर्जी बहाली कराने वाले रैकेट के मुख्य सरगना की तलाशी कर रही पुलिस
हजारीबाग के मेरु स्थित बीएसएफ कैंप में दो युवक फर्जी ज्वाइनिंग लेटर के साथ नौकरी ज्वाइन करने पहुंचे, जहाँ उन्हें दस्तावेज जांच के दौरान पकड़ा गया। उनकी सभी दस्तावेज फर्जी पाए गए। पुलिस अब इस जालसाजी...

हजारीबाग, प्रतिनिधि । हजारीबाग के मेरु स्थित बीएसएफ कैंप में उस वक्त हड़कंप मच गया जब फर्जी ज्वाइनिंग लेटर के सहारे नौकरी ज्वाइन करने पहुंचे दो युवक दस्तावेज जांच के दौरान पकड़े गए। बीएसएफ अधिकारियों की सतर्कता से दोनों की पोल खुल गई और उन्हें तुरंत हिरासत में लेकर मुफस्सिल थाना पुलिस को सौंप दिया गया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, दोनों युवक 31 मई को मेरु बीएसएफ कैंप में बतौर नवचयनित जवान के रूप में ज्वाइनिंग के लिए पहुंचे थे। नियमित दस्तावेज सत्यापन के दौरान इनके द्वारा प्रस्तुत ज्वाइनिंग लेटर और अन्य प्रमाणपत्रों में गड़बड़ी सामने आई। जांच में स्पष्ट हुआ कि दोनों के दस्तावेज पूरी तरह से फर्जी हैं।
बीएसएफ अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दोनों को कड़ी पूछताछ के बाद पुलिस के हवाले कर दिया। पूछताछ में यह बात सामने आई है कि दोनों युवकों को झांसा देकर भर्ती प्रक्रिया में शामिल कराया गया था। अब पुलिस की नजर इस जालसाजी के पीछे काम कर रहे गिरोह के सरगना पर है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, यह कोई सुनियोजित रैकेट हो सकता है जो भोले-भाले युवाओं को नकली दस्तावेज देकर सुरक्षाबलों में नौकरी दिलाने का झांसा देता है। पुलिस इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अब इस रैकेट के मुख्य सरगना की तलाश में जुट गई है, जो परदे के पीछे से इस पूरे फर्जीवाड़े को संचालित कर रहा है। मामले की जांच जारी है और पुलिस को उम्मीद है कि जल्द ही इस नेटवर्क की पूरी परतें खुलेंगी। साथ ही, अन्य राज्यों में भी इस गिरोह की संभावित गतिविधियों को लेकर सतर्कता बरती जा रही है।
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