हथियारों की तस्करी में किया जा रहा नाबालिगों का इस्तेमाल
हाल ही में जमशेदपुर में एक अंतरराज्यीय अवैध हथियार तस्करी नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस ने पिछले 4 महीनों में 56 हथियार बरामद किए, जो बिहार के मुंगेर से लाए गए थे। इसमें बच्चों का इस्तेमाल किया जा...

हाल ही में जमशेदपुर में अवैध हथियार तस्करी के एक अंतरराज्यीय नेटवर्क का भंडाफोड़ हुआ है, जिसमें बिहार के मुंगेर जिले से हथियारों की आपूर्ति की जा रही थी। इसमें यह बात भी सामने आई थी कि हथियारों की तस्करी में बच्चों का इस्तेमाल किया जा रहा है। पुलिस को पिछले 4 महीने में 56 हथियार मिले हैं, जो मुंगेर से मंगाए गए थे। इसे लाने के लिए लम्बी दूरी की परमिट वाली बसों का इस्तेमाल किया गया था। इन हथियारों को गंगा और गंडक नदियों के दियारा क्षेत्र में स्थित टापू और जंगलों में अवैध फैक्ट्रियों से लाया गया था, जहां पिस्टल, देसी कट्टा और अन्य हथियारों का निर्माण किया जाता है।
यहीं से कुछ पैडलर से जमशेदपुर के युवकों का सम्पर्क होता है और उनके ही द्वारा हथियारों को बस के माध्यम से जमशेदपुर तक लाया जाता है। हाल में ही पुलिस ने जुगसलाई थाना क्षेत्र से मोहम्मद खालिक नामक एक आर्म्स पैडलर को गिरफ्तार किया है। खालिक मूल रूप से बिहार के दरभंगा जिले का निवासी है, लेकिन वह जमशेदपुर के गरीब नवाज कॉलोनी, ईदगाह मैदान के पास रह रहा था। वह मुंगेर से पिस्तौल के कल-पुर्जे लाकर जमशेदपुर में असेंबल कर अवैध हथियारों की आपूर्ति करता था। पुलिस को दिए बयान में यह बात सामने आई है कि हथियार मुंगेर में पहले से ही लोगों से सम्पर्क कर उन्हें हथियारों के बारे में बता दिया जाता था। इसमें अधिकांश 7.65 बोर के पिस्टल ही हैं। तस्करों द्वारा हथियार के लिए एडवांस ले लिया जाता है और आपूर्ति के बाद पूरे पैसों की अदायगी की जाती है। इसकी कीमत 20 से 70 हजार रुपये तक है।
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