शहर में महापुरुषों की प्रतिमा उपेक्षित, कहीं उगी झाड़ियां तो कहीं कचरे का अंबार
जामताड़ा,प्रतिनिधि। महापुरुषों की प्रतिमाएं शहर की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर महत्व का हिस्सा होती है। यह प्रतिमाएं हमें महापुरुषों के आदर्शों और म

शहर में महापुरुषों की प्रतिमा उपेक्षित, कहीं उगी झाड़ियां तो कहीं कचरे का अंबार जामताड़ा, उज्ज्वल। महापुरुषों की प्रतिमाएं शहर की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर महत्व का हिस्सा होती है। यह प्रतिमाएं हमें महापुरुषों के आदर्शों और मूल्यों से प्रेरित करती और शहर की सुंदरता को बढ़ाती है। लेकिन जब इन महापुरुषों की प्रतिमाओं की उपेक्षा की जाए तो ऐसा लगता है मानो महापुरुष के साथ हम कहीं ना कहीं अन्याय कर रहे हैं। कमोबेस यही स्थिति जामताड़ा शहर की है। यहां के विभिन्न चौक चौराहा पर लगे महापुरुषों की प्रतिमा इन दिनों उपेक्षित है। टूटी लाइट तथा झाड़ी बनी गांधी चौक की पहचान: जामताड़ा के बैंक मोड़ के पास स्थापित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा स्थल के चारों ओर घास तथा झाड़ी उग गई है।
यही नहीं प्रतिमा के चारों ओर लगा पानी का फवारा पूरी तरह टूट गया है। वही सौंदरीकरण के लिए लगाया गया कई लाइट भी क्षतिग्रस्त हो गया है। परंतु देखने वाला कोई नहीं है। सुभाष चंद्र बोस के गर्दन में लटक रहे हैं सूखे फूल पत्ती: सुभाष चौक पर स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा पर सूखे फूल का माला लटक रहा हैं। यही नहीं माला में लगे कई फूल और पत्ती इस तरह सूख गए हैं कि अगर उसे जल्द नहीं हटाया गया तो बारिश में वह कीड़ा मकोड़ा का अड्डा बन जाएगा। यही नहीं प्रतिमा स्थल के नीचे घास उग गए हैं। उपेक्षित है भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा: पुराना कोर्ट मोड़ के पास स्थित भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा भी उपेक्षित है। प्रतिमा के पास जहां कचरे का अंबार लगा हुआ है। वही प्रतिमा के पास भी झाड़िया उगने लगी है। वही प्रतिमा की भी मरम्मत की जरूरत महसूस हो रही है। कुंवर सिंह की प्रतिमा की स्थिति भी ठीक नहीं: टावर चौक पर स्थित कुंवर सिंह की प्रतिमा की स्थिति भी ठीक नहीं है। विजयोत्सव पर जो माला पहनाया गया था वह अभी तक नहीं हटाया गया है और वह माला भी पूरी तरह सूख गया है। अधूरा है इंदिरा गांधी की बेदी: जामताड़ा का हृदयस्थली कहा जाने वाला चंचला मंदिर चौक पर इंदिरा गांधी की बेदी स्थापित है। पिछले कुछ महीनों से बेदी के सौंदरीकरण का कार्य चल रहा है। बताया गया था कि यहां पर उनकी प्रतिमा स्थापित की जाएगी। लेकिन पिछले 1 महीने से निर्माण कार्य बंद है। हालांकि क्यों बंद है इसके बारे में कोई बात नहीं पा रहा है। पूर्व डीसी ने कराया था सौंदर्यकरण का कार्य: पूर्व डीसी शांतनु अग्रहरि द्वारा सभी महापुरुषों की प्रतिमा के सौंदर्यकरण तथा उसके पास लाइट लगाने का कार्य करवाया गया था। ताकि दिन हो या रात दोनों समय प्रतिमा सुंदर और अच्छा दिखे। लेकिन उसके बाद से किसी ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया। जिस कारण प्रतिमा उपेक्षित है फोटो जामताड़ा 02 उपेक्षीत सुभाष चन्द्र बोस की प्रतिमा फोटो जामताड़ा 03 गोधी प्रतिमा के पास टुटा पानी का फवारा तथा उगी झाड़ी फोटो जामताड़ा 04 कुवर सिंह की प्रतिमा पर लटकता सूखा माला
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