15 साल पुराने वाहनों को इस माह से नहीं मिलेगा डीजल-पेट्रोल,NCR में कहां आया ये आदेश?
पेट्रोल के 15 साल और डीजल के 10 साल पुराने वाहनों को लेकर राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) की कड़ी नजर है। आयु सीमा पूरी कर चुके वाहनों की तादाद लगातार बढ़ रही है। इन वाहनों को सड़कों से हटाने के लिए एनजीटी के निर्देश पर पेट्रोल पंपों पर ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) सिस्टम लगने शुरू हो गए हैं।

गाजियाबाद और नोएडा के साढ़े पांच लाख से ज्यादा पुराने वाहनों को नवंबर महीने से डीजल-पेट्रोल नहीं मिलेगा। इसके लिए पायलट प्रोजेक्ट के रूप में दोनों जिलों के पेट्रोल पंपों पर एएनपीआर सिस्टम लगाया जा रहा है। इससे आयु सीमा पूरी कर चुके वाहनों की पहचान की जाएगी।
पेट्रोल के 15 साल और डीजल के 10 साल पुराने वाहनों को लेकर राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) की कड़ी नजर है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आयु सीमा पूरी कर चुके वाहनों की तादाद लगातार बढ़ रही है। इन वाहनों को सड़कों से हटाने के लिए एनजीटी के निर्देश पर पेट्रोल पंपों पर ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (एएनपीआर) सिस्टम लगने शुरू हो गए हैं। पहले इस योजना को जून तक पूरा करने को कहा गया था, लेकिन फिलहाल शासन स्तर से बजट मिलने में देरी की वजह से अब एएनपीआर सिस्टम को अक्तूबर महीने तक तैयार करने को कहा गया है। एनसीआर के आठ जिलों में सबसे पहले गाजियाबाद और नोएडा में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में तैयार करने की मंजूकी मिली है।
ऐसे काम करेगा एएनपीआर सिस्टम
इस योजना के तहत गाजियाबाद के 111 और नोएडा के 101 पेट्रोल पंपों पर ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (एएनपीआर) कैमरे लगेंगे। कुल 212 पंपों पर 10 और 15 साल की उम्र पूरी कर चुके वाहनों की नंबर प्लेट को कैमरे रीड करेंगे और पंप पर लगे अनाउंसमेंट सिस्टम से वाहन का नंबर बोला जाएगा। सिस्टम से बताया जाएगा कि यह वाहन अपनी मियाद पूरी कर चुका है।
मुसीबत बने साढ़े पांच लाख वाहन
गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर जिलों में कुल 5,70,993 पुराने वाहन हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो अकेले गाजियाबाद में 3,64,588 पुराने वाहन अवैध रूप से चल रहे हैं। यातायात पुलिस और परिवहन विभाग के पास वाहनों को जब्त करके रखने का कोई स्थान नहीं है।