Flood Control Committee Urged for Urgent Repairs as Monsoon Approaches in Kushinagar बाढ़ खंड ने अभी एक स्पर पर शुरू कराई मरम्मत, तीन संवेदनशील बाकी, Kushinagar Hindi News - Hindustan
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बाढ़ खंड ने अभी एक स्पर पर शुरू कराई मरम्मत, तीन संवेदनशील बाकी

Kushinagar News - कुशीनगर में बाढ़ नियंत्रण के लिए बनी हाईलेवल कमेटी ने चार स्थानों पर स्परों की मरम्मत का सुझाव दिया, लेकिन अभी तक केवल एक स्थान पर कार्य शुरू हुआ है। ग्रामीणों में चिंता बढ़ रही है क्योंकि मानसून आने...

Newswrap हिन्दुस्तान, कुशीनगरMon, 9 June 2025 10:18 AM
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बाढ़ खंड ने अभी एक स्पर पर शुरू कराई मरम्मत, तीन संवेदनशील बाकी

कुशीनगर। बाढ़ नियंत्रण के लिए बनी हाईलेवल कमेटी पटना/ पुणे ने भले ही चार स्थानों पर स्परों की मरम्मत कराने का सुझाव दिया, लेकिन बाढ़ खंड अभी तक एक जगह ही मरम्मत का कार्य शुरू करा पाया है। अन्य तीन जगहों पर कार्य शुरू नहीं होने तथा मानसून की आमद में कुछ ही दिन शेष होने को लेकर सीमावर्ती गांवों के लोग चिंतित हैं। गंडक (नारायणी) नदी की बाढ़ से बचाव के लिए बने दस किमी लंबे अमवाखास तटबंध पर मानसून आने के पहले हर वर्ष मरम्मत का कार्य कराया जाता है। बीते वर्ष नवम्बर माह में ही बाढ़ नियंत्रण में महत्वपूर्ण सुझाव देने वाली हाईलेवल कमेटी पटना तथा पुणे की पांच सदस्यीय टीम ने अमवा बंधे का दौरा किया था।

टीम ने तटबंध के बरवापट्टी के सामने किमी एक, अमवादीगर के सामने किमी 5.2, किमी 7.5 तथा किमी 8.6 परे बने स्परों की ठीक से मरम्मत कराने का सुझाव दिया था। बीते कुछ दिनों में किमी 7.5 पर मरम्मत कार्य तो शुरू हो गया है, लेकिन अन्य तीन जगहों पर कोई कार्य शुरू नहीं हो पाया है। मानसून आने तथा गंडक नदी में पानी बढ़ने में अब कुछ ही दिन शेष रह गए हैं, लेकिन मरम्मत कार्य की धीमी गति को लेकर बंधे से सटे बसे गांवों के लोगों में चिंता तथा आक्रोश है। बरवापट्टी, अमवादीगर, परोरही, बिचपटवा, लक्ष्मीपुर आदि गांव तथा कई टोलों के लोगों ने बताया कि समय रहते मरम्मत पूरा नहीं किए जाने पर पानी बढ़ते ही खतरे की आशंका बढ़ जाती है। लोगों ने सभी संवेदनशील बिंदुओं पर तत्काल ठोस मरम्मत की मांग की है। छह करोड़ की लागत से किलोमीटर 7.5 पर हो रहे मरम्मत के दौरान ठेकेदार की तरफ से नदी से मशीन द्वारा बालू निकालकर बोरियों में भरे जाने का मामला सामने आया है। सिल्ट की जगह मशीन से नदी से ही बालू निकालकर बोरियों का भरा जाना बेहद आपत्तिजनक है। जानकारी होने के बाद अधिशासी अभियंता ने इसे तत्काल रुकवाते हुए जांच के आदेश दिए हैं। फिलहाल अमवा तटबंध के किमी 7.5 बने स्पर का मरम्मत कार्य तेजी से किया जा रहा है। शेष स्थानों पर भी बाढ़ खंड की नजर है। विभाग बाढ़ से बचाव के लिए पूरी तरह से मुस्तैद है। सूर्यप्रकाश सिंह, सहायक अभियंता, बाढ़ खंड

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