गांधी वादियों की लड़ाई अतिवादी शक्तियों से है : पाठक
कौसानी में तीन दिवसीय गांधी विचार चिंतन शिविर का समापन हुआ। भुवन पाठक ने कहा कि युवाओं को गांधी विचार से जोड़ना आवश्यक है और इसके लिए नई रचनात्मकता के उपाय खोजने होंगे। सत्यव्रत ने गांधी कथा सम्मेलन...
कौसानी में ग्लोबल गांधीयन डायलॉग यूथ फॉर ट्रुथ चिंतन तीन दिवसीय गांधी विचार चिंतन शिविर का समापन हो गया है। समता सद्भावना अभियान के संयोजक भुवन पाठक ने कहा कि गांधी वादियों की सीधी लड़ाई अतिवादी शक्तियों से है। इसलिए युवाओं को गांधी विचार से जोड़ना है तो आजीविका तथा रचनात्मकता के उपाय सोचने होंगे। काम चुनौती पूर्ण है, लेकिन असंभव नहीं। अनासक्ति आश्रम में आयोजित कार्यक्रम में सोमवार को पाठक ने कहा कि विचार के रूप में लोग विभिन्न मत रख सकते हैं, लेकिन कार्यक्रम के रूप में एक हो सकते हैं। सिर्फ गांधी विचार का पाठ पढ़कर समाज में रचना का काम नहीं हो सकता।
समाज में युवाओं के लिए कार्यक्रम भी लाने होंगे। लखनऊ से पहुंचे गांधी विचारक सत्यव्रत पंद्रह साल से हजारों युवाओं के साथ सामूहिक जीवन व्यतीत कर रहे हैं। समूह में सभी जाति, वर्ग के युवा शामिल हैं। सत्य व्रत ने प्रस्ताव रखा कि उत्तराखंड और अहमदाबाद में दस हजार युवाओं के साथ गांधी कथा सम्मेलन करने हेतु वो व्यवस्थाएं जुटा सकते हैं। उत्तराखंड में कुछ केंद्र चुन सकते हैं जहां प्रतिदिन सर्वधर्म प्रार्थना, गांधी कथा, स्वावलंबन से जुड़ी कुछ उत्पादन संबंधी गतिविधियां शुरू की जा सकती हैं। पत्रकार राम दत्त त्रिपाठी ने कहा कि यह शिविर युवाओं की दिशा बदलने में मील का पत्थर साबित होगा। कौसानी एक ऐसा स्थान है जहां महात्मा गांधी ने प्रवास किया। इसके अलावा सुमित्रानंदन पंत जैसे कवि ने जन्म लिया है। इस मौके पर उत्तर प्रदेश सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष राम धीरज, अर्थशास्त्री प्रो सुदर्शन अयंगर, राधा भट्ट, दिनेश उपाध्याय, नीमा वैष्णव, लीलू, बसंत पांडे, आरटीआई एक्टिविस्ट रमेश मुमुक्षु, हेमंत, डॉ सी पी जोशी, अशोक भाई, अश्विन झाला। हरीश जोशी, गोपाल राम, जागृति मौजूद रहे।
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