जिले में कोरोना की जांच को एंटीजन किट नहीं
कोडरमा जिले में एंटीजन किट की कमी है, जबकि अस्पताल में कुछ वेंटिलेटर सही से काम नहीं कर रहे हैं। सिविल सर्जन ने कहा कि अभी तक कोई गाइडलाइन नहीं मिली है। ट्रू नेट मशीन उपलब्ध है, लेकिन प्रशिक्षित...

कोडरमा, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि जिले में एक भी एंटीजन किट नहीं है। इसका इस्तेमाल कोरोना की जांच में होता है। देश के साथ-साथ झारखंड में भी कोरोना का एक मामला सामने आया है। यहां कोविड के समय मंगाए गए कई कई उपकरण बेकार हो गए हैं। कोडरमा सदर अस्पताल में कोरोना के इलाज में मंगाए गए सबसे जरूरी उपकरण वेंटिलेटर मे से कुछ सही से काम नहीं कर रहे हैं। सदर में वर्ष 2021 में आए वेंटिलेटर को कभी-कभी उपयोग में लाए जाने की बात कही जा रही है। वैसे, उपयोग नहीं होने से इनमें से कुछ वेंटिलेटर आपातकाल में भी इस्तेमाल में नहीं लाए जा सकते हैं।
सिविल सर्जन डॉ अनिल कुमार का कहना है कि अभी तक सरकार और विभाग की ओर से कोई गाइडलाइन नहीं मिला है। सरकार की ओर से गाइडलाइन मिलने के साथ ही तैयारी में हमलोग जुट जाएंगे। सिविल सर्जन का दावा है कि सभी वेंटिलेटर काम कर रहे हैं। सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ रंजी कुमार का कहना है कि कोरोना को लेकर हमलोग भी पूरी तरह से अलर्ट हैं। जैसे ही सरकार की ओर से जो गाइडलाइन जारी किया जाएगा, उसका पालन यहां कराया जाएगा। ट्रू नेट की मशीन उपलब्ध कोडरमा में कोरोना के किसी तरह का मामला सामने नहीं आया है। जिला सर्विलांस पदाधिकारी डॉ मनोज कुमार ने बताया कि सदर अस्पताल में ट्रू नेट की मशीन उपलब्ध है। कोरोना की जांच किट अभी उपलब्ध नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार स्तर से अभी किसी तरह का निर्देश भी इस मामले में प्राप्त नहीं हुआ है। कोरोना के किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए अस्पताल प्रबंधन तैयार है। यहां पर्याप्त बेड समेत और जरूरी सुविधाएं उपलब्ध हैं। वेंटिलेटर चलाने को ट्रेंड कर्मी नहीं सदर अस्पताल कोडरमा में वेंटिलेटर चलाने के लिए प्रशिक्षित कर्मी नहीं हैं। कोरोना के समय निजी एजेंसी से मानव बल को वेंटिलेटर चलाने के लिए लगाया गया था। लेकिन, विभाग से इन कर्मियों का कॉन्ट्रैक्ट आगे नहीं बढ़ाया। प्रशिक्षित कर्मचारी नहीं होने से आईसीयू में मरीजों के इलाज में परेशानी का सामना करना पड़ेगा। कोडरमा सदर अस्पताल की सभी नर्स को भी वेंटिलेटर चलाने की ट्रेनिंग नहीं मिली है। वेंटिलेटर चलाने के लिए प्रशिक्षित कर्मचारियों के अलावा माइक्रोबायोलाजी विभाग में भी कोरोना जांच करने वाले कर्मियों की कमी है।
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