Jharkhand Finance Minister Proposes Review Petition for Dismissed Employees in Palamu District पलामू जिले में बर्खास्त चतुर्थवर्गीय कर्मियों पर कैबिनेट ने किया विमर्श, Palamu Hindi News - Hindustan
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पलामू जिले में बर्खास्त चतुर्थवर्गीय कर्मियों पर कैबिनेट ने किया विमर्श

झारखंड के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने पलामू जिले के बर्खास्त 250 चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों के मामले को मंत्रिमंडल की बैठक में उठाया। उन्होंने सुझाव दिया कि राज्य सरकार सर्वोच्च न्यायालय में समीक्षा...

Newswrap हिन्दुस्तान, पलामूSun, 11 May 2025 12:44 AM
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पलामू जिले में बर्खास्त चतुर्थवर्गीय कर्मियों पर कैबिनेट ने किया विमर्श

मेदिनीनगर, प्रतिनिधि। झारखंड सरकार के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने पलामू जिले के बर्खास्त 250 चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों का मामला मंत्रिमंडल की बैठक में उठाया है। वित मंत्री ने मंत्रिपरिषद की बैठक में सुझाव दिया कि झारखंड के चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों को सेवा से मुक्त किए जाने के आलोक में पारित न्यायदेश के संदर्भ में राज्य सरकार को सर्वोच्च न्यायालय में समीक्षा याचिका दाखिल करना चाहिए। समीक्षा याचिका के आलोक में जबतक सर्वोच्च न्यायलय का न्यायादेश नहीं आता तबतक पलामू जिले के बर्खास्त सभी 250 चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों को पुनः सेवा में रहने दिया जाए। वित्त मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मुख्य सचिव अलका तिवारी को समीक्षा याचिका दाखिल करने के लिए वैधानिक प्रक्रिया अपनाने का निर्देश दिया।

मुख्य सचिव ने कहा कि कार्मिक विभाग के अधिकारियों से बात कर शीघ्र ही आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। वित्त मंत्री ने मंत्री परिषद की हुई बैठक उठाए गए संबंधित मामले का जिक्र करते हुए बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के न्यायादेश के आलोक में पलामू जिले के विभिन्न सरकारी विभाग में कार्यरत करीब 250 चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों की सेवा बर्खास्त कर दी गई है। पलामू के उपायुक्त ने न्यायादेश का अनुपालन करते हुए 24 फरवरी 2025 को उन्हे सेवा से बर्खास्तगी का आदेश जारी कर दिया है। चतुर्थवर्गीय कर्मचारी पद पर सभी की नियुक्ति उपायुक्त कार्यालय, पलामू से प्रकाशित किए गए विज्ञापन के आलोक में किया गया था। मंत्रिपरिषद की बैठक में वित्त बताया कि विज्ञापन से नियुक्त वैसे कर्मी जिनकी मृत्यु सेवा काल में हो जाने के कारण अनुकंपा के आधार पर आश्रितों को दिए गए नियुक्ति को भी रद्द कर दिया गया है। वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने मंत्रिपरिषद को जानकारी देते हुए बताया कि राज्य के लगभग सभी जिलों के लगभग छह हजार चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों कि नियुक्ति इसी तरह के विज्ञापन के आलोक में की गई थी। सर्वोच्च न्यायालय के न्यायादेश के अनुसार सभी छह हजार कर्मचारी सेवा से बर्खास्त हो जायेंगे। अभी तक सर्वोच्च न्यायालय के न्यायादेश का अनुपालन सिर्फ पलामू जिला में किया गया है। परिणाम स्वरूप झारखंड के 23 जिलों में कार्यरत चतुर्थवर्गीय कर्मचारी अभी भी सेवा में बने में हुए हैं। सिर्फ पलामू जिले के 250 कर्मचारी बर्खास्त कर दिए गए हैं।

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