मजदूरी करने वाली मां की बेटी बनी जिला थर्ड टॉपर
गोला की छात्रा राखी कुमारी ने जैक की मैट्रिक परीक्षा में जिले में तृतीय स्थान प्राप्त किया है। उसने 473 अंक हासिल किए हैं। उसकी सफलता के पीछे मां की मेहनत और परिवार का संघर्ष है। राखी का सपना डॉक्टर...

गोला, निज प्रतिनिधि। गोला के उउवि बरियातु की छात्रा राखी कुमारी ने जैक की मैट्रिक परीक्षा में जिला में तृतीय स्थान लाकर अपने परिवार और पूरे जिले का नाम रौशन किया है। राखी ने मैट्रिक परीक्षा में 473 अंक प्राप्त किया हैं। छात्रा की इस सफलता के पीछे पूरे परिवार का संघर्ष, समर्पण के साथ विशेषकर छात्रा की मां की कड़ी मेहनत की दास्तान छिपी है। जिसने हर बाधा को पार कर अपनी बेटी के सपनों को ऊंचाइयों तक पहुंचाया। बेटी का रिजल्ट जारी हुआ उस समय छात्रा की मां खेत में काम करने गई थी। घर पर उसकी दादी तालमनी देवी व दादा देवचरण महतो मौजूद थे।
छात्रा की मां ने जब सुना कि बेटी पूरे जिले में तिसरा स्थान लाई है तो वह भवुक हो गई। उसके आंखों में आंसू छलक आए। उन्होंने कहा की बेटी दिन रात मेहनत करती थी। इधर जैसे ही यह खबर फैली छात्रा के घर पर रिश्तेदारों और पड़ोसियों का तांता लग गया। सबों ने छात्रा को मिठाई खिलाकर उसे बधाई व शुभकामनाएं दी। 10 साल पहले सड़क दुर्घटना में पिता का हो चुकी है मौत राखी की जिंदगी संघर्षों से भरा है, जब वह महज 6-7 साल की थी, तभी सड़क हादसे में उसके पिता बहाली महतो का निधन हो गया था। पिता के निधन के बाद पूरे परिवार की जिम्मेदारी उसकी मां पर आ गई थी। उसके दो बच्चे हैं, राखी बड़ी है और 12 वर्ष का एक पुत्र है। घर की आर्थिक स्थिति इतनी कमजोर थी कि मां को खेतों में मजदूरी करना पड़ा। एक मां के लिए यह आसान काम नहीं था। उसने हिम्मत नहीं हारी और बेटी की पढ़ाई को जारी रखा। बेटी ने भी दिन रात की मेहनत करके मां के सपनों को पंख दिया। राखी जानती थी कि मां तकलीफें उठा कर उसे पढ़ा रही है। उसने भी पढ़ाई में कोई कसर नहीं छोड़ी और घंटों किताबों में डूबी रहती थी। राखी ने बताया कि उसका एक ही सपना था कि मां के संघर्ष मुकाम तक जरुर पहुंचागी। मां ने अपनी पूरी जिंदगी हमें पढ़ाने में लगा दी। राखी की भर्राई आवाज़ में भी आत्मविश्वास झलकता है। मेरा सपना है कि मैं डॉक्टर बनूं: राखी बरियातु गांव निवासी जिला थर्ड टॉपर छात्रा राखी का डॉक्टर बनना सपना है। हिंदुस्तान खबर से बातचीत में बताया कि मां के साथ दादा-दादी व शिक्षक शिक्षिकाओं के बेहतर मार्गदर्शन के कारण उसे जिला थर्ड टॉपर बनने का अवसर मिला। उन्होंने बताया कि माता व दादा-दादी .पिता और स्कूल में शिक्षक शिक्षिकाओं ने परीक्षा की तैयारी में काफी सहयोग किया। जिसका नतीजा है कि मैं टॉपर बनी। उन्होंने बताया कि वह आगे की पढ़ाई जारी रखेगी, नीट की तैयारी कर डॉक्टर बनेगी।
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