राज्य सरकार ने की हाईकोर्ट की सुरक्षा से खिलवाड़ : प्रतुल
भाजपा का आरोप : उच्च न्यायालय के लिए घटिया सुरक्षा उपकरण की खरीदारी करने की बात कही, बम, टीएनटी, आईडी, हाई एक्सप्लोसिव डिटेक्ट करने वाले उपकरण जांच में फेल

रांची, हिन्दुस्तान ब्यूरो। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने मंगलवार को हेमंत सरकार पर उच्च न्यायालय की सुरक्षा से बड़ा खिलवाड़ करने का आरोप लगाया। भाजपा प्रदेश मुख्यालय में प्रेसवार्ता कर प्रतुल ने कहा कि अब जमीन घोटाला, टेंडर घोटाला, खनन घोटाला के बाद सुरक्षा घोटाला भी हो गया। प्रतुल ने कहा कि बिना टेंडर के हेमंत सोरेन सरकार ने हाईकोर्ट के लिए सुरक्षा उपकरणों की खरीदारी की। खरीदने के पहले उपकरणों की जांच नहीं हुई। लेकिन खरीद के बाद स्पेशल ब्रांच के डीआईजी की अध्यक्षता में टेक्निकल टीम का गठन हुआ। प्राप्त जानकारी के अनुसार इस टेक्निकल टीम ने 18 जून, 2024 को अपनी रिपोर्ट सौंपी।
प्रतुल ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्राप्त जानकारी के अनुसार रिपोर्ट में बताया गया कि खरीदे गए चार उपकरणों में से तीन उपकरण टेस्ट में बिल्कुल फेल कर गए। जमीन के अंदर गाड़े डेटोनरेटर को डिटेक्ट करने वाला डीप सर्च माइन, मेटल डिटेक्टर को बेकार पाया गया और वह जमीन के अंदर आईडी और बम को डिटेक्ट नहीं कर पाया। प्रतुल ने कहा कि उच्च न्यायालय के लिए खरीदे गए अंडर व्हीकल सर्च मिरर, जिससे शीशे के जरिए गाड़ी के चेसिस के नीचे लगे बम की जांच होती है, उसे भी बेकार पाया गया। यह उपकरण भी गाड़ी के नीचे आईडी और बम को डिटेक्ट नहीं कर पाया। प्रतुल ने कहा कि हाई एक्सप्लोसिव, टीएनटी को डिटेक्ट करने वाला एक्सप्लोसिव वेपर डिटेक्टर भी पूरी तरह से रिपोर्ट में गड़बड़ पाया गया और यह कुछ भी डिटेक्ट नहीं कर पाया। प्रतुल ने कहा कि न्यायपालिका के राज्य की सर्वोच्च संस्था उच्च न्यायालय में सुरक्षा के साथ कहीं ना कहीं खिलवाड़ हो रहा है। टेक्नोलॉजी हमेशा समय के साथ बदलती रहती है। इसलिए सुरक्षा उपकरण को भी अपडेट किया जाता है। लेकिन यहां तो एक वर्ष पूर्व खरीदे गए सुरक्षा उपकरण ही फेल पाए गए। प्रतुल ने कहा मामला जून 2024 में प्रकाश में आया, लेकिन राज्य सरकार एक वर्ष से इसको दबा कर बैठी है। अभी तक संबंधित कंपनी और अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। राज्य सरकार अविलंब उच्च न्यायालय की सुरक्षा को दुरुस्त करे प्रतुल ने मुख्यमंत्री से मांग की, कि वह अविलंब उच्च न्यायालय की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाएं। अगर आवश्यकता पड़ी तो केंद्रीय गृह मंत्रालय या संबंधित केंद्रीय सुरक्षा एजेंसी से संपर्क कर उच्च न्यायालय में अत्याधुनिक सुरक्षा उपकरण लगाएं। प्रतुल ने कहा कि राज्य सरकार किसी संवैधानिक संस्था की सुरक्षा को हल्के से ना ले। घटिया उपकरण सप्लाई करने वाली एजेंसी पर भी कार्रवाई करे। प्रेस वार्ता में भाजपा के प्रदेश सह मीडिया प्रभारी योगेंद्र प्रताप सिंह भी उपस्थित थे।
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