Book Launch of Jharkhand s Hindi Fiction Literature at DSPMU डीएसपीएमयू में झारखंड का हिंदी कथा साहित्य का लोकार्पण, Ranchi Hindi News - Hindustan
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डीएसपीएमयू में झारखंड का हिंदी कथा साहित्य का लोकार्पण

रांची में डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय में पुस्तक 'झारखंड का हिंदी कथा साहित्य' का लोकार्पण हुआ। इस पुस्तक में झारखंड के कथा लेखन का समृद्ध इतिहास प्रस्तुत किया गया है। कार्यक्रम में कई...

Newswrap हिन्दुस्तान, रांचीWed, 30 April 2025 05:35 PM
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डीएसपीएमयू में झारखंड का हिंदी कथा साहित्य का लोकार्पण

रांची, विशेष संवाददाता। डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय (डीएसपीएमयू), सभागार में बुधवार को पुस्तक लोकार्पण समारोह हुआ। इसमें रांची वीमेंस कॉलेज के हिंदी विभाग की सहायक प्राध्यापक डॉ प्रज्ञा गुप्ता और डीएसपीसमयू के हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ जिंदर सिंह मुंडा की संपादित पुस्तक- झारखंड का हिंदी कथा साहित्य, का लोकार्पण किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डीएसपीएमयू के कुलपति डॉ तपन कुमार शांडिल्य, उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक झारखंड के पूरे कथा परिदृश्य को सबके सामने प्रस्तुत करता है। मौके पर पुस्तक चर्चा भी आयोजित की गई। इसमें हिंदी के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ अशोक प्रियदर्शी ने कहा कि यह पुस्तक झारखंड के हिंदी कथा साहित्य की एक स्पष्ट झलक लेकर उपस्थित है। राधाकृष्ण से लेकर रश्मि शर्मा तक के रचनाकार इसमें शामिल हैं, जिससे विद्यार्थियों को झारखंड के कथा साहित्य को समझने में मदद मिलेगी। कहानीकार दयाल राम ने कहा कि झारखंड के साहित्य पर इस तरह की पुस्तक के आने से शोधार्थियों को सहायता मिलेगी। वरिष्ठ हिंदी कथाकार रणेंद्र ने कहा कि झारखंड के हिंदी कथा लेखन पर नजर डालने से यह स्पष्ट होता है कि यहां कथाकारों की एक समृद्ध परंपरा है। यहां का हिंदी कथा लेखन अत्यंत समृद्ध है, इस बात का प्रतिनिधित्व करती है यह संपादित पुस्तक। कहानीकार पंकज मित्र ने कहा कि झारखंड की हिंदी कहानी या उपन्यास लेखन को आलोचनात्मक ढंग से जिस रूप में यह पुस्तक प्रस्तुत कर रही है, वह प्रशंसनीय है। साहित्य अकादमी के सदस्य और साहित्यकार महादेव टोप्पो ने कहा कि एलिस एक्का की कहानियों पर भी इसमें चर्चा है। झारखंड में आदिवासी विमर्श का जो एक वृहत स्वरूप है, वह भी इस पुस्तक में प्रकट होता है।

पुस्तक में झारखंड की संपूर्ण कथा लेखन एक मंच पर

कथाकार डॉ राकेश कुमार सिंह ने कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि इस पुस्तक में झारखंड का संपूर्ण कथा लेखन एक मंच पर विभिन्न लेखकों के जरिए आलोचनात्मक रूप में सबके समक्ष है। वहीं, डॉ जिंदर सिंह मुंडा ने इस पुस्तक में शामिल सभी रचनाकारों व लेखकों के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि झारखंड के हिंदी कथा लेखन में आम जनजीवन की अभिव्यक्ति है। संचालन डॉ प्रज्ञा गुप्ता ने किया। कार्यक्रम में लेखिका की माता उर्मिला कश्यप के अलावा अनीता रश्मि, रश्मि शर्मा, सविता केसरी, प्रो विनोद कुमार, डॉ मृत्युंजय कोईरी ने दिया। इस अवसर पर मनीष मिश्रा, विजय कुमार, डॉ अनामिका, डॉ सुनीता गुप्ता, रांची विश्वविद्यालय की हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ सुनीता यादव, डॉ किरण कुमारी, डॉ नियति कल्प, डॉ सुनीता कुमारी, डॉ मृदुला प्रसाद, डॉ रंजना कंठ, डॉ किरण, डॉ कुमुद कला मेहता, डॉ करुणा खलखो सहित कई शोधार्थी व छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

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