राज्य में महिला सुरक्षा पर संकट : राफिया नाज
झारखंड सरकार की नीतियां और घोषणाएं केवल दिखावे की, महिलाएं न तो सुरक्षित हैं, न ही उन्हें न्याय की कोई गारंटी

रांची, हिन्दुस्तान ब्यूरो। भाजपा प्रवक्ता राफिया नाज ने रविवार को कहा है कि राज्य में महिलाओं की सुरक्षा की स्थिति चिंताजनक और गंभीर होती जा रही है। उन्होंने कहा कि हाल ही में गुमला की एक आदिवासी किशोरी के साथ राजधानी रांची में जो घटना हुई, वह मानवता को शर्मसार करने वाली है। एक मासूम को दिनदहाड़े बहला-फुसलाकर अगवा किया गया, फिर जंगल में ले जाकर उसके साथ सामूहिक बलात्कार हुआ। यह कोई अकेली घटना नहीं है-यह उस व्यवस्था का नमूना है, जो राज्य की बहन-बेटियों को सुरक्षा देने में पूरी तरह असफल हो चुकी है। राफिया नाज ने कहा कि राज्य की महिलाएं आज भय और असुरक्षा के माहौल में जीने को मजबूर हैं।
झारखंड सरकार की नीतियां और घोषणाएं केवल दिखावे की रह गई हैं। मंईयां सम्मान योजना जैसी योजनाएं सिर्फ पोस्टर और बैनर तक सीमित हैं। जमीनी हकीकत यह है कि महिलाएं न तो सुरक्षित हैं, न ही उन्हें न्याय की कोई गारंटी है। राफिया ने कहा महिला आयोग का न होना सबसे बड़ा सवाल है। झारखंड राज्य महिला आयोग सितंबर 2020 से निष्क्रिय है। पिछले चार वर्षों से राज्य में महिला आयोग का कोई अध्यक्ष नहीं है, न ही कोई सदस्य। जब एक संवैधानिक संस्था जो महिलाओं की समस्याओं के समाधान के लिए बनाई गई हो, वह खुद निष्क्रिय हो तो सरकार की प्राथमिकताएं स्पष्ट हो जाती हैं। वर्तमान में महिला आयोग में 3,137 से अधिक मामले लंबित हैं।
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