बकरीद सात को, कुर्बानी के लिए सजा बकरों का बाजार, बकरे की कीमत में 30 प्रतिशत
रांची में ईद उल अजहा (बकरीद) का पर्व सात जून को मनाया जाएगा। बाजार में जमुनापारी नस्ल के बकरों की मांग ज्यादा है। बकरों की कीमतें पिछले साल की तुलना में 25 से 30 प्रतिशत बढ़ गई हैं। अंजुमन प्लाजा सबसे...

रांची, प्रमुख संवाददाता। ईद उल अजहा (बकरीद) का पर्व सात जून को मनाया जाएगा। इसकी तैयारी में लोग जुट गए हैं। रांची के बाजार में उत्तम किस्म के बकरे उपलब्ध हैं। शहर के बाजारों में बिहार के जमुनापारी नस्ल के अलावा झारखंड के विभिन्न हिस्सों से बकरे मंगवाए गए हैं। वह भी हर साइज में। बड़े जानवरों की कुर्बानी पर रोक के बाद इस साल बकरे की कीमत में काफी इजाफा हुआ है। पिछले साल की तुलना में इस बार 25 से 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो गई है। राजधानी के बाजार में अच्छे नस्ल और वजनी बकरे की कीमत 25 हजार से शुरू होकर 80 हजार रुपए तक में बिक रहे हैं।
ईद उल अजहा (बकरीद) को लेकर बकरे की बिक्री लगातार बढ़ रही है। विक्रेता बकरों को बेचने के लिए खरीदार के सामने करतब भी दिखाकर लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। जमुनापारी खस्सी की डिमांड ज्यादा बाजार में विभिन्न नस्लों की बकरे उपलब्ध हैं। लेकिन, खूबसूरती के मामले में जमुनापारी के बकरे का कोई मुकाबला नहीं है। लंबाई व चौड़ाई हर मामले में जमुनापारी खस्सी सबसे आगे है। इसका वजन भी अधिक है। कीमत 25 से 32 हजार तक है। शहर के बाहर से भी लोग खस्सी की खरीदारी करने के लिए यहां आएं हैं। कहां से लाए गए बकरे ज्यादातर बकरे रांची के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से लाए गए हैं। इनमें मुख्य रूप से बुंडू, तमाड़, सिसई, गुमला, लोहरदगा, भरनो, रामगढ़, पतरातू, खूंटी और मांडर शामिल हैं। इसके अलावा पड़ोसी राज्य जैसे बंगाल, ओडिशा, उत्तर प्रदेश एवं बिहार से भी बकरे रांची लाए गए हैं। अंजुमन प्लाजा सबसे बड़ी मंडी बकरीद से पहले शहर में कई स्थानों पर बकरे की बिक्री होती है। कुछ इलाकों में बाजार लगाया जाता है। इनमें अंजुमन प्लाजा के समीप लगा बाजार सबसे बड़ा है। सुबह नौ से देर शाम तक यहां पर विक्रेता और खरीदारों की भीड़ लगी रहती है। इसके अलावा पुरानी रांची, डोरंडा हाइकोर्ट में बकरे के लिए बाजार लगाए गए हैं।
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