जो अंग्रेज न कर पाए, वह... CM उमर अब्दुल्ला ने ऐसा क्या कहा कि PM मोदी बजाने लगे ताली, फिर हंस पड़े
चिनाब पुल 359 मीटर ऊंचा है, जो (पेरिस के) एफिल टॉवर से भी ऊंचा है। यह दुनिया का सबसे ऊंचा मेहराबदार रेलवे ब्रिज है। इस लाइन पर 12.77 किलोमीटर लंबी टी50 सुरंग, सबसे लंबी परिवहन सुरंग है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज (शुक्रवार, 6 जून को) जम्मू-कश्मीर में चिनाब नदी पर बने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल का उद्घाटन किया। यह पुल आठ साल से अधिक समय में 1,486 करोड़ रुपये की लागत से बनकर तैयार हुआ है। इसके बाद प्रधानमंत्री तिरंगा लेकर पुल पर चले। चिनाब पुल के उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने जम्मू-कश्मीर में अंजी नदी पर बने भारत के पहले ‘केबल-स्टेड’ रेलवे पुल का भी उद्घाटन किया। इससे पहले, पीएम रेल के इंजन वाले डिब्बे में सवार होकर उद्घाटन स्थल पर पहुंचे।
इस मौके पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी मौजूद थे। इस मौके पर एक जनसमूक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बेहद सधे अंदाज में जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करने संबंधी अपनी सरकार के संकल्प को दोहराया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग की।
मेरा तो डिमोशन हो गया: अब्दुल्ला
अपनी स्थिति का उल्लेख करते हुए अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘ माता की कृपा से उप राज्यपाल साहब का थोड़ा प्रमोशन हुआ लेकिन मेरी स्थिति देखों तो थोड़ा डिमोशन हुआ। मैं, एक राज्य का मुख्यमंत्री था लेकिन अब एक केंद्र शासित प्रदेश का मुख्यमंत्री हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मेरा मानना है कि इसे ठीक होने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। और आपकी मदद से जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा मिल जाएगा।’’ यह सुनकर प्रधानमंत्री मुस्कुराते रहे जबकि मुख्यमंत्री द्वारा राज्य का दर्जा बहाल करने की इस अपील का वहां उपस्थित जनसमूह ने तालियों से स्वागत किया।
जब PM मोदी बजाने लगे ताली
इससे आगे उमर अब्दुल्ला ने कहा, "प्रधानमंत्री जी, इस रेल के ख्वाब बहुत लोगों ने देखे थे। यहां तक कि कश्मीर को मुल्क के बाकी हिस्से से जोड़ने का ख्वाब अंग्रेजों ने भी देखा था लेकिन वो पूरा कर नहीं पाए। उनका सपना था कि झेलम के किनारे उरी से रेल लाकर पूरी दुनिया को कश्मीर से जोड़ें लेकिन जो अंग्रेज पूरा नहीं कर पाए, आज वह आपके हाथों पूरा हुआ और जम्मू-कश्मीर, कश्मीर वादी को बाकी मुल्क से जोड़ दिया गया।" इतना सुनते ही प्रधानमंत्री मोदी भी ताली बजाने लगे।
जब हंस पड़े पीएम मोदी
अब्दुल्ला इतने पर भी नहीं रुके। उन्होंने आगे कहा, "इस मौके पर मुझसे बड़ी भूल होगी, अगर मैं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी साहब का नाम नहीं लूं और उन्हें इस मौके पर शुक्रिया न कहूं। यह तब हुआ जब उन्होंने इसे राष्ट्रीय महत्व की परियोजना का दर्जा दिया और इसे बजट का हिस्सा बनाया।’’ उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट की बुनियाद 1983-84 में रखी गई थी। अब्दुल्ला ने कहा कि पिछले दिनों मैंने मीडिया को बताया था कि जब ये प्रोजेक्ट शुरू हुआ था, तब मैं आठवीं क्लास का बच्चा था लेकिन आज जब यह पूरा हुआ है, तो मैं 55 साल पार कर चुका हूं और मेरे बच्चे भी कॉलेज पास आउट हो गए हैं।" इस बात को सुनकर पीएम मोदी हंसने लगे।
इस प्रोजेक्ट से क्या-क्या लाभ
अब्दुल्ला ने कहा कि वाजपेयी साहब ने इस प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय महत्व का दर्जा देकर उसके लिए फंड आवंटित किया। उन्होंने इस रेलवे परियोजना से जम्मू-कश्मीर को मिलने वाले फायदों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, ‘‘इस परियोजना से जम्मू-कश्मीर को बहुत लाभ होगा। इससे पर्यटन को लाभ होगा। इससे जम्मू-कश्मीर के निवासियों को फायदा मिलेगा।’’ मुख्यमंत्री ने राजमार्ग बंद होने के दौरान हवाई किराये में बढ़ोतरी का भी विशेष रूप से उल्लेख किया।
उन्होंने कहा, ‘‘जब बारिश होते ही राजमार्ग बंद हो जाता है, तो एयरलाइन हमें लूटना शुरू कर देती हैं। पांच हजार रुपये का टिकट अचानक कुछ ही घंटों में 20,000 रुपये का हो जाता है। लेकिन रेल संपर्क पूरा हो जाने से अब कम से कम यात्रियों को कुछ राहत मिलेगी।’’ अब्दुल्ला ने उम्मीद जताई कि रेलवे लाइन से सेब और चेरी जैसे फलों को देशभर के बाजारों तक पहुंचाने में भी मदद मिलेगी। केंद्र द्वारा जम्मू-कश्मीर में व्यापक बुनियादी ढांचे के विकास की सराहना करते हुए अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘आपके शुभ हाथों से जम्मू-कश्मीर में एक और बुनियादी ढांचा परियोजना पूरी हो गई है। इसी तरह, कई अन्य परियोजनाएं तेजी से आगे बढ़ रही हैं।’’ (भाषा इनपुट्स के साथ)